: *किसान संगठनों के आह्वान पर सोमवार को आहूत भारत बंद राज्य में कहीं असरदार*
तो कहीं मिला-जुला रहा। इस बंद का सबसे ज्यादा असर बसों और ऑटो के परिचालन पर रहा। बंद समर्थकों ने कहीं-कहीं ट्रेनें भी रोकीं। इस कारण यात्रा करने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
राजधानी पटना में लगभग 11 बजे राजद, कांग्रेस, वामदल व अन्य संगठनों के नेता पटना जंक्शन के पास बुद्ध स्मृति पार्क पहुंचे। वहां से महागठबंधन के सभी नेताओं के नेतृत्व में जुलूस फ्रेजर रोड होते हुए डाकबंगला चौराहा पहुंचा, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। नेता गांधी मैदान जाना चाह रहे थे। उसके बाद डाकबंगला चौराहे को जाम कर नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। लगभग दो घंटे चली सभा को राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, अब्दुलबारी सिद्दीकी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, श्याम सुंदर सिंह धीरज आदि ने संबोधित किया। वहीं, पटना के बैरिया स्थित अंतरराज्यीय बस स्टैंड से बसें कम खुलीं। राजधानी के ज्यादातर रूटों पर 11 बजे तक ऑटो कम चले। पटना जंक्शन के पास बस रोकने पर बंद समर्थकों और पुलिस में तीखी झड़प भी हुई। पटना विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर छात्र संगठनों ने आगजनी कर अशोक राजपथ घंटों जाम रखा। इस दौरान 14 छात्र नेताओं को हिरासत में लिया गया। सीवान, छपरा, बक्सर, औरंगाबाद व नवादा में बंद का असर आंशिक रहा। बाजार व स्कूल खुले रहे। सड़कों पर परिचालन भी सामान्य रहा।
पिंडदान के कारण भारत बंद से गया शहर को मुक्त रखा गया। संयुक्त किसान मोर्चा ने इसकी पहले ही घोषणा कर दी थी। इस कारण भारत बंद का असर शहर में नहीं दिखा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बंद कर असर दिखा। शेरघाटी में जीटी रोड जाम कर विरोध जताया गया।
महागठबंधन ने तीनों कृषि कानून वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया। साथ ही कहा कि इसके लिए सड़क के साथ सदन में भी आवाज बुलंद की जाती रहेगी। जब तक केन्द्र सरकार संज्ञान नहीं लेती तब हम अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे। कृषि प्रधान इस देश में किसानों के साथ धोखाधड़ी नहीं चलने वाली है। हर हाल में कानून वापस लेना होगा। आंदोलन में महागठबंधन नेताओं ने एकजुटता दिखाई।
: *दूसरे चरण के पंचायत चुनाव को लेकर प्रचार अभियान सोमवार को समाप्त* हो गया। दूसरे चरण के चुनाव को लेकर 34 जिलों के 48 प्रखंडों में 29 सितंबर को मतदान होगा। दूसरे चरण के चुनाव क्षेत्रों में उम्मीदवारों ने अपनी पूरी ताकत चुनाव प्रचार में झोंक दी है।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार दूसरे चरण के चुनाव को लेकर 76, 279 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। इनमें सर्वाधिक 41,405 उम्मीदवारों ने पंचायत सदस्य के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। इस चरण के लिए 36,111 पुरुषों ने और 40168 महिलाओं ने नामांकन पत्र दाखिल किया। इस चरण के लिए नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन सोमवार को 14,511 नामांकन पत्र दाखिल किए गए। जिनमें 6124 पुरुष व 8387 महिलाओं ने नामांकन दाखिल किया।
आयोग के अनुसार, दूसरे चरण के नामांकन के तहत ग्राम कचहरी पंच के 10,353 पदों के विरुद्ध 17,042, ग्राम कचहरी सरपंच के 699 सीट के विरुद्ध 4072, मुखिया के 699 सीटों के विरुद्ध 6277, ग्राम पंचायत सदस्य के 10,353 पदों के विरुद्ध 41,405, जिला परिषद सदस्य के 109 पदों के विरुद्ध 1204, पंचायत समिति सदस्य के 948 सीटों के विरुद्ध 6279 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं।
आयोग के अनुसार, दूसरे चरण के पंचायत चुनाव को लेकर 9886 बूथों का गठन किया गया है, जहां मतदान होगा। सभी बूथों को 6543 मतदान केंद्र भवनों में बनाया गया है।
: *पंजाब में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका
पंजाब कांग्रेस* कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने पार्टी में बने रहने की बात कही है। सिद्धू ने सोनिया गांधी को पत्र के मध्यम से इस्तीफे की जानकारी दी है।
उन्होंने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में कहा, 'किसी के चरित्र के पतन की शुरुआत समझौते से होती है। मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे पर कभी समझौता नहीं कर सकता। इसलिए मैं पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा।'
उल्लेखनीय है कि बीते कुछ महीनों से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से उनकी तकरार चल रही थी। बाद में कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का सीएम बनाया। इसके बादा माना जा रहा था कि पंजाब में कांग्रेस ने सबकुछ ठीक कर लिया है। हालांकि, अब सिद्धू ने इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है।
जानकारों के मुताबिक, कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद नवजोत सिंह सिद्धू खुद सीएम बनना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने कुछ और ही फैसला किया। पार्टी के इस फैसले को सिद्धू ने उस समय तो स्वीकार कर लिया। हालांकि, अब इस्तीफे के बाद इसकी पुष्टि होती दिख रही है कि सिद्धू सीएम नहीं बनाए जाने के अपनी पार्टी के फैसले से नाराज चल रहे थे।
*जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में एक ऑपरेशन के दौरान लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकी* जिंदा पकड़ा गया है। भारतीय सेना के अधिकारियों ने एएनआई से बातचीत में कहा कि आतंकी अली बाबर पात्रा ने सेना के सामने आत्मसमर्पण किया है। आतंकी पाकिस्तान के पंजाब के ओखरा का रहने वाला बताया जा रहा है।
19 इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर वीरेंद्र वत्स का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से जारी उरी ऑपरेशन के दौरान सेना को बड़ी सफलता मिली है। सात दिनों के इस ऑपरेशन में अभी तक सेना 7 आतंकियों को मार चुकी है, जबकि एक आतंकी जिंदा पकड़ा गया है। इसके अलावा इस ऑपरेशन में सेना को एके 47 के सात हथियार, 9 पिस्टल और रिवॉल्वर बरामद हुए हैं। साथ ही 80 से अधिक ग्रेनेड और भारतीय और पाकिस्तना की बड़ी मात्रा में करेंसी बरामद हुई है।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आतंकी बाबर की उम्र महज 19 साल है. अली बाबर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है. जो पाकिस्तान में करीब तीन महीने की आतंकी ट्रेनिंग ले चुका है. आतंकियों की घुसपैठ का मकसद 2016 के उरी जैसे बड़े हमले को अंजाम देना था.
सूरज:
*ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर चंद्रेश्वर प्रसाद यादव की 3.44 करोड़ की संपत्ति* को जब्त कर लिया। चन्देश्वर यादव के खिलाफ सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था।
गौरतलब है कि ईडी ने रेलवे का स्क्रैप बेचने के मामले में पूर्व रेलवे जमालपुर के तत्कालीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर चंद्रेश्वर प्रसाद यादव को गिरफ्तार किया था।
इसी मामले में मेसर्स श्री महारानी स्टील के मालिक देवेश कुमार को 13 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अभियुक्तों पर आरोप है कि रेलवे के स्क्रैप (रेल वैगन का पुराना हिस्सा) को मोटी रकम लेकर महारानी स्टील को औने-पौने दाम में बेच दिया था। इसके कारण रेलवे को लगभग 34 करोड़ रुपये का चूना लगा था। उक्त स्क्रैप के कस्टोडियन तत्कालीन सेक्शन इंजीनियर चंद्रेश्वर प्रसाद यादव ही थे। इस मामले में कंपनी के फाइनांसर राकेश कुमार ने बताया था कि उक्त स्क्रैप को खरीदने के लिए रेलवे के पदाधिकारियों को मोटी रकम दी गयी थी।
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