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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत) | |
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स्थापित | १९५६ |
अध्यक्ष: | प्रो एस के थोराट [1] |
स्थिति: | नयी दिल्ली, भारत |
उपनाम: | UGC |
जालपृष्ठ: | www.ugc.ac.in |
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इतिहास
भारत में उच्च शिक्षा आरंभ का इतिहास काफी पुराना है। इसके मूल में १९वीं शताब्दी है, जब वाइसरॉय लॉर्ड मैकाले ने अपनी सिफारिशें रखी थीं। उसके बाद बीसवीं शताब्दी में सन् १९२५ में इंटर यूनिवर्सिटी बोर्ड की स्थापना की गई थी जिसका बाद में नाम भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज) पड़ा। इस संस्था के अंतर्गत सभी विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षिक, सांस्कृतिक और संबंधित क्षेत्रों के बारे में सूचना का आदान-प्रदान किया जाने लगा था। भारतीय स्वतंत्रता उपरांत १९४८ में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की अध्यक्षता में यूनिवर्सिटी एजुकेशन कमीशन की नींव रखी गई।[3] इसके अंतर्गत देश में शिक्षा की आवश्यकताओं और उनमें सुधार पर काम किए जाने पर विचार किया जाता था। इस आयोग ने सलाह दी कि आजादी पूर्व के यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिटी को फिर से गठित किया जाए। उसका एक अध्यक्ष हो और उसके साथ ही देश के बड़े शिक्षाविदों को भी इस समिति के साथ जोड़ा जाए।सन् १९५२ में सरकार ने निर्णल लिया कि केंद्रीय और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों को दी जाने वाले वित्तीय सहयोग के मामलों को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के अधीन लाया जाएगा। इस तरह २८ दिसंबर १९५३ को तत्कालीन शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने औपचारिक तौर पर यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन की नींव रखी थी। इसके बाद हालांकि १९५६ में जाकर ही यूजीसी को संसद में पारित एक विशेष विधेयक के बाद सरकार के अधीन लाया गया[3] और तभी औपचारिक तौर पर इसे स्थापित माना गया। भारत भर में क्षेत्रीय स्तर पर अपने कार्यो को सुचारू रूप से आरंभ करने के लिए यूजीसी ने कई स्थानों पर अपने कार्यालय खोले। विकेंद्रीकरण की इस प्रक्रिया में यूजीसी ने देश में छह स्थानों पर अपने कार्यालय खोले। यूजीसी के वर्तमान अध्यक्ष सुखदेव थोराट हैं जो फरवरी २००६ से इस पद पर आसीन हैं।[1]
व्यावसायिक परिषदें
यह राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (National Eligibility Test / NET) का भी आयोजन करता है जिसे उत्तीर्ण करने के आधार पर विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति होती है। ये नेट योग्यता परीक्षा शिक्षा में स्नातक स्तर पर एम.फिल उत्तीर्ण लोगों के लिये व स्नातकोत्तर स्तर पर पीएच.डी उत्तीर्ण लोगों के लिये जून २००६ से छूट है।उच्च शिक्षा हेतु शिक्षा प्रत्यायन कार्य विश्वविद्यालय अनुदाय आयोग के निम्न १५ संस्थानों द्वारा किया जाता है। [13][14].
- अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE)
- भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI)
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)
- दूरशिक्षा परिषद (DEC)
- भारतीय बार परिषद (BCI)
- राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE)
- भारतीय पुनर्वास परिषद (RCI)
- भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI)
- भारतीय फार्मेसी परिषद (PCI)
- भारतीय नर्सिंग परिषद (INC)
- भारतीय दंतचिकित्सा परिषद (DCI)
- केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद (CCH)
- केन्द्रीय भारतीय औषधि परिषद (CCIM)
- पुनर्वास परिषद [14]
- राष्ट्रीय ग्रामीण संस्था परिषद
- उच्च शिक्षा राज्य परिषद
संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 आयोग
- ↑ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भारत सरकार जालस्थल
- ↑ 3.0 3.1 3.2 यूजीसी।हिन्दुस्तान लाइव।२२ फ़रवरी, २०१०
- ↑ सिब्बल का बयान
- ↑ [1]
- ↑ [2]
- ↑ [3]
- ↑ [4]
- ↑ [5]
- ↑ [6]
- ↑ [7]
- ↑ [8]
- ↑ "हायर एजुकेशन इन इण्डिया". उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार. अभिगमन तिथि: २००९-११-१६.
- ↑ 14.0 14.1 "प्रोफ़ैशनल काउन्सिल्स". 'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग' (UGC) website.
बाहरी कड़ियाँ
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत) आधिकारिक जालस्थल
- यू.जी.सी. अधिनियम एवं नियम: यू.जी.सी. जालस्थल पर
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