नीतू सिंह ॥ नई दिल्ली
जगतपुर गांव में अवैध रूप से चल रहे आरसीसी प्लांट को लेकर एमसीडी ने सक्रियता दिखाई है। एनबीटी में खबर छपने के बाद बिल्डिंग डिपार्टमेंट को नोटिस जारी कर यह पूछा गया है कि आखिर बिना लाइसेंस या बिल्डिंग प्लान अप्रूवल के ग्रीन लैंड में यह प्लांट कैसे चल रहा है। एनबीटी ने गुरुवार को ग्रीनलैंड पर चल रहे हैं रेडीमिक्स प्लांट शीर्षक से इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसके बाद से प्रशासन अलर्ट हो गया है जिसके चलते प्लांट में काम-काज ठप है।
नॉर्थ दिल्ली के जगतपुर गांव के जिस एरिया में यह रेडीमिक्स प्लांट (आरसीसी)चल रहा है वह ग्रीन लैंड की कैटिगरी में आता है, जिस पर इस तरह का प्लांट लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इलाके के रहने वालों का कहना है कि पिछले डेढ़ साल से प्लांट मेें नियमित काम हो रहा है। कई बार इस बारे में शिकायतें भी की गईं, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरटीआई के तहत मिले जवाब ने और हैरान कर दिया।
एमसीडी ने जहां अपने दायरे से बाहर की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया था वहीं प्रदूषण डिपार्टमेंट ने प्लांट को लाइसेंस देने से इनकार किया। जिस 5000 स्क्वेयर मीटर जमीन पर ये प्लांट चल रहे हैं उसके एक तरफ रिहायशी इलाका है और दूसरी ओर ग्रीन लैंड। इसके ठीक सामने डीडीए का डायवर्सिटी पार्क है। इस ऑटोमेटिक रेडीमिक्स कंकरीट प्लांट में सीमेंट, रोटी, बदरपुर और पानी मिलाने का काम चलता है। इस मिक्सचर का इस्तेमाल मजबूत सड़कें बनाने के लिए किया जाता है। दिन में यहां ट्रकों के जरिए ये चीजें लाई जाती हैं और शाम 6 बजे के बाद मिक्सिंग का काम होता है। चूंकि प्लांट में बिजली का कनेक्शन नहीं है, ऐसे में जेनरेटर से मिक्सिंग का काम होता है। इसके चलते धुएं के साथ-साथ शोर से भी लोगों को परेशान होना पड़ता है।
नॉर्थ दिल्ली रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के अध्यक्ष अशोक भसीन ने इस बारे में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एमसीडी और पोल्युशन डिपार्टमेंट से जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में एमसीडी के बिल्डिंग डिपार्टमेंट ने जानकारी होने से इनकार कर दिया। एमसीडी मुख्यालय ने जवाब दिया कि एजेंसी आरसीसी प्लांट के लिए लाइसेंस जारी ही नहीं करती क्योंकि यह एमसीडी के फैक्ट्री लाइसेंस नियमों के दायरे में नहीं आता है। यह बताया गया कि एजेंसी के इंजीनियर ने इलाके का दौरा किया तो पाया कि प्लांट में आरसीसी की दो मशीनें लगी हुई हैं। यहां बिजली का कनेक्शन नहीं है, ऐसे में प्लांट जेनरेटर से चल रहे हैं। यह मामला हमारे दायरे से बाहर का है। भसीन का कहना है कि दोनों एजेंसियों से टालने वाले जवाब मिलने के बाद हमने सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिशन से भी जानकारी मांगी, जिसमें बताया गया कि संबंधित एजेंसियों के पास इस संबंध में कोई रेकॉर्ड नहीं है। संबंधित अधिकारियों को जांच कर जरूरी कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिए गए हैं।
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