शनिवार, 21 जनवरी 2012

अदालत ने कहा, लिव इन रिलेशनशिप अनैतिक है!


प्रकाशित Wed, जनवरी 18, 2012 पर 14:01  |  स्रोत : Hindi.in.com
18 जनवरी 2012
आईबीएन-7

नई दिल्ली।
एक छत के नीचे दो बालिग रजामंदी से रहें तो कानून उसे नाजायज कैसे ठहरा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी दो वयस्कों के इस रिश्ते को जायज माना है, लेकिन मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि कानूनी मान्यता मिलने के बावजूद ये सम्बंध अनैतिक हैं। अदालत के मुताबिक लिव इन रिलेशनशिप एक सनक है जो सिर्फ शहरी इलाकों में ही देखा जाता है। अदालत ने लिव-इन को एक अलोकप्रिय पश्चिमी सांस्कृतिक उत्पाद करार दिया।



अदालत ने कहा कि काफी समय से लिव-इन हमारे देश के लिए विदेशी परिकल्पना थी। आज यह सनक केवल शहरों में दिखाई पड़ती है। न्यायाधीश ने यह टिप्पणी एक मामले में फैसला सुनाते हुए की, जिसमें तीन साल पहले दिल्ली में मिजोरम की एक लड़की ने अपने लिव-इन पार्टनर की हत्या कर दी थी।


साल 2008 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के पास रह रही 28 साल की जारजोलियानी ने अपने नाईजीरियाई लिव-इन पार्टनर विक्टर ओकोन की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी। महिला के लिव पार्टनर ने बिना बताए उसके खाते से करीब 49,000 रुपए निकाल लिए थे। इस बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ और जारजोलियानी ने अपने लिव-इन-पार्टनर पर चाकुओं से हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। इसी मामले में न्यायाधीश ने मिजोरम की इस महिला को अपने लिव-इन-पार्टनर की हत्या करने के जुर्म में सात साल की सजा और 7 लाख रुपए का जुर्माना लगाने का फैसला दिया।

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