नई दिल्ली: कॉमवेल्थ खेलों में हुए घोटाले को लेकर कोर्ट में याचिका दायर करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग ने जो दो खत दिल्ली की अदालत में पेश किए हैं वह शीला दीक्षित ने प्रधानमंत्री को लिखे थे।
इनमें से एक चिट्ठी एनडीटीवी के हाथ लगी है जो कि शीला दीक्षित ने शुंगल कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद लिखी थी। इसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री ने शंगुल कमेटी की रिपोर्ट की आलोचना के साथ-साथ तब के केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर अंगुली उठाई है। उन्होंने लिखा है कि चिदंबरम की ओर से तालमेल की कमी के चलते खेलों की तैयारियों में देरी हुई जिसके चलते बजट बढ़ गया।
कॉमनवेल्थ खेलों में हुए घोटाले को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और बाकी लोगों के खिलाफ शिकायत सीबीआई के पास भेज दी गई है। ये जानकारी दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को दी है। दरअसल, दिल्ली की अदालत में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित दिल्ली सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री राजकुमार चौहान और आयोजन समिति के पूर्व चेयरमैन सुरेश कलमाडी के खिलाफ एक याचिका दायर करके इन तीनों को करोड़ों रुपयों के घोटाले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
याचिकाकर्ता ने सबूत के तौर पर शीला दीक्षित के कुछ खत पेश किए हैं। इन खतों पर गौर करके हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि उसने अब तक मामला दर्ज क्यों नहीं किया। पुलिस ने अपने जवाब में कोर्ट से कहा कि इस घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है इसलिए मामला भी उसे ही दर्ज करना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी।
इनमें से एक चिट्ठी एनडीटीवी के हाथ लगी है जो कि शीला दीक्षित ने शुंगल कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद लिखी थी। इसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री ने शंगुल कमेटी की रिपोर्ट की आलोचना के साथ-साथ तब के केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर अंगुली उठाई है। उन्होंने लिखा है कि चिदंबरम की ओर से तालमेल की कमी के चलते खेलों की तैयारियों में देरी हुई जिसके चलते बजट बढ़ गया।
कॉमनवेल्थ खेलों में हुए घोटाले को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और बाकी लोगों के खिलाफ शिकायत सीबीआई के पास भेज दी गई है। ये जानकारी दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को दी है। दरअसल, दिल्ली की अदालत में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित दिल्ली सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री राजकुमार चौहान और आयोजन समिति के पूर्व चेयरमैन सुरेश कलमाडी के खिलाफ एक याचिका दायर करके इन तीनों को करोड़ों रुपयों के घोटाले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
याचिकाकर्ता ने सबूत के तौर पर शीला दीक्षित के कुछ खत पेश किए हैं। इन खतों पर गौर करके हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि उसने अब तक मामला दर्ज क्यों नहीं किया। पुलिस ने अपने जवाब में कोर्ट से कहा कि इस घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है इसलिए मामला भी उसे ही दर्ज करना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी।
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