आज अरुण खेत्रपाल का 72 वा जन्मदिन है...
अरुण खेत्रपाल से एक के बाद एक चार पाकिस्तानी टैंक ध्वस्त किए. जिस आखिरी टैंक पर अरुण ने निशाना लगाया वो पाकिस्तान के स्क्वार्डन कमांडर का टैंक था. उस टैंक ने भी खेत्रपाल के टैंक पर फायर किया. पाकिस्तानी कमांडर तो कूद कर बच गए लेकिन अरुण अपने टैंक से बाहर नहीं निकल पाए और उन्होंने वहीं दम तोड़ दिया. अरुण जब तक जीवित रहे एक भी पाकिस्तानी टैंक उनके पार नहीं जा पाया. खेत्रपाल को इस वीरता के लिए भारत का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र दिया गया
Raj Mehta Raman Hitkari
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18 वर्ष पूर्व आज ही के दिन कुख्यात तस्कर वीरप्पन की पुलिस एनकाउंटर में मौत हुई थी...
18 जनवरी 1952 को जन्मे वीरप्पन के बारे में कहा जाता है कि उसने पहली बार 17 साल की उम्र में हाथी का शिकार किया था. हाथी को मारने की उसकी फेवरेट तकनीक होती थी हाथी के माथे के बीचोबीच गोली मारना. वीरप्पन की खूंखारियत का ये आलम था कि उसने एक बार उसने भारतीय वन सेवा के एक अधिकारी पी श्रीनिवास का सिर काट कर उससे अपने साथियों के साथ फुटबॉल खेली थी. ये वही श्रीनिवास थे जिन्होंने वीरप्पन को पहली बार गिरफ्तार किया था...
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Raman Hitkari Sulkhan Singh
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आज कर्नल गद्दाफी की 11वीं बरसी है...
जब गद्दाफ़ी ने सत्ता संभाली तो वो त्रिपोली में एक पुरानी खटारा फोक्स वैगन कार में घूमा करते थे. वो और उनकी पत्नी स्थानीय सुपर मार्केट में खुद खरीदारी करते थे लेकिन धीरे धीरे सब कुछ बदलने लगा. जब वो अजीजिया बैरक से निकलते थे तो हथियारबंद कारों का काफ़िला दो अलग अलग दिशाओं में दौड़ता था. एक में वो खुद होते थे, दूसरे को झांसा देने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. जब वो हवाई जहाज से कहीं जाते थे तो एक साथ दो जहाज़ उड़ान भरते थे. जिस जहाज़ में उन्हें जाना होता था उसे उड़ान भरने के दो घंटे बाद वापस उतार लिया जाता था. तब जाकर वो उसमें बैठते थे ताकि अगर उस विमान में बम रखा हो तो वो उनके बैठने से पहले फट जाए. एक बार उन्होंने ट्यूनीशिया संदेश भिजवाया कि वो वहां कार से पहुंचेंगे. वहां का सारा मंत्रिमंडल उनके स्वागत में सीमा पर पहुंच गया. बाद में पता चला कि वो सुरक्षा कारणों से विमान से ट्यूनिस पहुंच गए...
Raman Hitkari
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तैमूर लंग की गिनती इतिहास के क्रूरतम शासकों में होती है. वर्ष 1398 में तैमूर लंग ने दिल्ली पर हमला कर न सिर्फ़ बड़े पैमाने पर लूटपाट की बल्कि ऐसा कत्ल-ए-आम करवाया जिसकी इतिहास में मिसाल नहीं मिलती.
विवेचना में रेहान फ़ज़ल बता रहे हैं तैमूर के दिल्ली हमले की कहानी.
वीडियो प्रोडक्शनः देवाशीष
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आज जनरल पी एस भगत का 104वा जन्मदिन है....
जनरल भगत भारतीय सेना के सबसे वरिष्ठ जनरल थे और माना जा रहा था कि वो ही अगले सेनाध्यक्ष होंगे. लेकिन तत्कालीन सरकार ने उस समय सेनाध्यक्ष के पद पर काम कर रहे जनरल बेवूर को एक साल का सेवा विस्तार दे दिया और जनरल भगत के हाथ से सेनाध्यक्ष बनने का मौका जाता रहा. इस फैसले से पूरी आर्मी में दुख का माहौल छा गया. जनरल एस के सिन्हा ने मुझे बताया था कि 'जिस तरह उन्होंने इस साज़िश का सामना किया वो सराहनीय था. मैं इसको साज़िश इस लिए कहता हूं कि जनरल बेवूर को जानबूझ कर एक साल का एक्सटेंशन दिया गया ताकि जनरल भगत को रिटायरमेंट पर जाना पड़े . अगर ऐसा नहीं होता तो वो ही चीफ बनते....'
Raj Mehta Vinay Singh Raman Hitkari
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आज जगजीत सिंह की 11वीं बरसी है...
जब जगजीत सिंह का पहला रिकॉर्ड Unforgetables आया तो उसने उन्हें रातोंरात स्तर बना दिया. इस एलपी की पहली नज़्म थी बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी. दरअसल ये नज़्म उर्दू पत्रिका शमा में छपी थी जिसे जगजीत सिंह ने उतार लिया था. जब उन्होंने एक एल्बम में संगीत दिया तो उन्होंने ये नज़्म भूपेंदर से गवाई. इसके बाद एक फिल्म साशा के लिए भी इस नज़्म को रिकॉर्ड किया गया लेकिन किन्हीं कारणों से ये फ़िल्म पूरी नहीं हो पाई. लेकिन जब उन्हें एचएमवी ने एलपी रिकॉर्ड करने और उसके लिए रचनाएं चुनने की छूट दी तो सबसे पहले उन्होने इसी नज़्म को रिकॉर्ड किया. बाद में जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में कहा, 'मुझे याद है एक संडे मैं अमिताभ बच्चन से मिलने उनके घर गया. उन्होंने मुझे एक एल्बम सुनवाया. उस एल्बम की पहली ही नज़्म थी 'बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी.' मैने पहली बार वो आवाज़ सुनी थी. मैने पूछा कि ये किसकी आवाज़ है तो अमिताभ ने मुझे बताया कि ये जगजीत सिंह की आवाज़ है....'
Rajesh Badal Raman Hitkari Ajit Rai Manmohan Sharma
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