मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी का मुकाबला करने के लिए एकजुट हुआ 'जनता परिवार'
Last Updated: Thursday, December 4, 2014 - 19:58
प्रस्तुति- , अखौरी प्रमोद राहुल मानव
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का पूरी तरह
सामना और मुकाबला करने के लिए गुरुवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम
सिंह यादव के घर पर 'महामोर्चा' का रास्ता साफ हो गया। मोदी की
लोकप्रियता से घबराए जनता परिवार के नेताओं की आज दिल्ली में मुलायम सिंह
के घर अहम बैठक हुई। विपक्ष की ताकत को मजबूती देने के प्रयास के तहत कभी
जनता परिवार का हिस्सा रहीं छह राजनीतिक पार्टियां जल्द ही एक पार्टी का
रूप ले लेंगी। इन पार्टियों के नेताओं ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम
सिंह यादव को इस बारे में तौर-तरीकों तय करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
बैठक के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुलायम सिंह के नेतृत्व में हम सभी मिलकर केंद्र सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। नीतीश ने कहा कि जनता दल परिवार के एक साथ काम करने के मुद्दे पर पिछली बैठक में ही सहमति बन गई थी। उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव जनता परिवार के पूर्व छह घटकों द्वारा उनके आपस में विलय के लिए तौर तरीके तैयार करने के लिए अधिकृत किए गए हैं। इस बैठक में एचडी देवगौड़ा, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, जेडीयू नेता केसी त्यागी, आरजेडी के प्रेम चंद्र व अन्य कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
सपा, जनता दल (सेक्युलर), राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड, इंडियन नेशनल लोक दल और समाजवादी जनता पार्टी विदेश में जमा काला धन लाने में मोदी सरकार की ‘नाकामी’ और किसानों के मुद्दे तथा बढ़ती बेरोजगारी पर कथित यू-टर्न के खिलाफ आगामी 22 दिसंबर को धरना देंगे।
जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि इन छह पार्टियों ने आज मुलायम सिंह के आधिकारिक आवास पर हुई बैठक में सपा प्रमुख को अधिकृत किया कि वह विलय के जरिए इन दलों को एक करने के ‘तौर-तरीकों पर काम करें। कुमार ने कहा कि सभी ने महसूस किया है कि ‘एक पार्टी’ होनी चाहिए क्योंकि इन सभी के दर्शन और सिद्धांत एक हैं।
यह पूछे जाने पर इन दलों के हाथ मिलाने की वजह ‘नरेंद्र मोदी का भय’ है तो कुमार ने कहा कि मामला यह नहीं है लेकिन मकसद यह है कि मौजूदा राजनीतिक हालात में एक मंच का गठन किया जाए। नीतीश ने कहा कि ये छह राजनीतिक दल वाम मोर्चे जैसी राजनीतिक इकाइयों के साथ मिलकर काम करना चाहेंगे। उन्होंने इस बारे में आगे विवरण नहीं दिया। मुलायम के आवास पर हुई बैठक में उनके और नीतीश के अलावा राजद प्रमुख लालू प्रसाद, जदयू अध्यक्ष शरद यादव, सपा नेता रामगोपाल यादव, जदएस नेता एचडी देवगौड़ा, इनेलो के नेता दुष्यंत चौटाला और सजपा के नेता कमल मोरारका मौजूद थे। यह पूछे जाने पर कि प्रस्तावित एकीकृत पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेगी तो नीतीश ने कहा कि नेताओं ने ‘राष्ट्रीय परिदृश्य’ पर ध्यान दिया है और बातचीत किसी एक राज्य तक सीमित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि नेता संसद में जनहित के मुद्दे पर एक ही सुर में बोल रहे हैं तथा अब वह आगामी 22 दिसंबर को संसद परिसर के बाहर धरना देंगे। धरने का मकसद काले धन के मुद्दे पर राजग सरकार पर निशाना साधना है। नीतीश ने कहा कि चुनाव से पहले वादा किया गया था कि काला धन वापस लाया जाएगा और प्रत्येक नागरिक को 15 लाख रूपये दिये जाएंगे, लेकिन इस वादे को पूरा नहीं किया गया। (एजेंसी इनपुट के साथ)
बैठक के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुलायम सिंह के नेतृत्व में हम सभी मिलकर केंद्र सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। नीतीश ने कहा कि जनता दल परिवार के एक साथ काम करने के मुद्दे पर पिछली बैठक में ही सहमति बन गई थी। उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव जनता परिवार के पूर्व छह घटकों द्वारा उनके आपस में विलय के लिए तौर तरीके तैयार करने के लिए अधिकृत किए गए हैं। इस बैठक में एचडी देवगौड़ा, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, जेडीयू नेता केसी त्यागी, आरजेडी के प्रेम चंद्र व अन्य कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
सपा, जनता दल (सेक्युलर), राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड, इंडियन नेशनल लोक दल और समाजवादी जनता पार्टी विदेश में जमा काला धन लाने में मोदी सरकार की ‘नाकामी’ और किसानों के मुद्दे तथा बढ़ती बेरोजगारी पर कथित यू-टर्न के खिलाफ आगामी 22 दिसंबर को धरना देंगे।
जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि इन छह पार्टियों ने आज मुलायम सिंह के आधिकारिक आवास पर हुई बैठक में सपा प्रमुख को अधिकृत किया कि वह विलय के जरिए इन दलों को एक करने के ‘तौर-तरीकों पर काम करें। कुमार ने कहा कि सभी ने महसूस किया है कि ‘एक पार्टी’ होनी चाहिए क्योंकि इन सभी के दर्शन और सिद्धांत एक हैं।
यह पूछे जाने पर इन दलों के हाथ मिलाने की वजह ‘नरेंद्र मोदी का भय’ है तो कुमार ने कहा कि मामला यह नहीं है लेकिन मकसद यह है कि मौजूदा राजनीतिक हालात में एक मंच का गठन किया जाए। नीतीश ने कहा कि ये छह राजनीतिक दल वाम मोर्चे जैसी राजनीतिक इकाइयों के साथ मिलकर काम करना चाहेंगे। उन्होंने इस बारे में आगे विवरण नहीं दिया। मुलायम के आवास पर हुई बैठक में उनके और नीतीश के अलावा राजद प्रमुख लालू प्रसाद, जदयू अध्यक्ष शरद यादव, सपा नेता रामगोपाल यादव, जदएस नेता एचडी देवगौड़ा, इनेलो के नेता दुष्यंत चौटाला और सजपा के नेता कमल मोरारका मौजूद थे। यह पूछे जाने पर कि प्रस्तावित एकीकृत पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेगी तो नीतीश ने कहा कि नेताओं ने ‘राष्ट्रीय परिदृश्य’ पर ध्यान दिया है और बातचीत किसी एक राज्य तक सीमित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि नेता संसद में जनहित के मुद्दे पर एक ही सुर में बोल रहे हैं तथा अब वह आगामी 22 दिसंबर को संसद परिसर के बाहर धरना देंगे। धरने का मकसद काले धन के मुद्दे पर राजग सरकार पर निशाना साधना है। नीतीश ने कहा कि चुनाव से पहले वादा किया गया था कि काला धन वापस लाया जाएगा और प्रत्येक नागरिक को 15 लाख रूपये दिये जाएंगे, लेकिन इस वादे को पूरा नहीं किया गया। (एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Thursday, December 4, 2014 - 15:21
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