- 4 दिसंबर 2014प्रस्तुति-- कृति शरण, सृष्टि शरण
दिल्ली और आगरा को जोड़ने वाली सड़क ताज एक्प्रेसवे पर डंकापुर गांव के
लोग हिंदू मिथक 'महाभारत' के एक किरदार द्रोण के चलते टूरिज्म के नक्शे पर
आने को बेताब हैं.
इसी तरह के सपने नज़दीक ही मौजूद बिसरख गांव भी देख रहा है. इस गांव वालों का कहना हैं कि रावण इनके गांव का था.केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा की चली तो ऐसा हो ही जाएगा. शर्मा स्थानीय सांसद हैं.
पढ़िए पूरी रिपोर्ट
द्रोण का डंकापुर
इस मंदिर के कई हिस्से द्रोणाचार्य, उनके बेटे अश्वत्थामा, कृष्ण, एकलव्य और अन्य पौराणिक पात्रों को ख़ास तौर पर समर्पित किए गए हैं.
रावण जन्मभूमि
विश्ररवा ने यहां शिव का एक मंदिर बनवाया था जो अब बिसरख धाम के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर गांव के बाहर है.
शिव लिंग
पौराणिक मान्यता है कि श्रृषि विश्ररवा को दक्षिणा में लंका का राज्य मिला था. बिसरख धाम के दिन तब से फिर गए.इस मंदिर के गर्भ गृह में मौजूद आठ कोनों वाले भूरे रंग के शिव लिंग के बारे में कहा जाता है कि श्रषि विश्ररवा ने इसे खुद ही स्थापित किया था.
लेकिन इसके बावजूद बिसरख के लोगों का यकीन बरकरार है और वे इस मिथक के प्रसार में लगे भी रहते हैं. यहां के लोग अपनी गाड़ियों के पिछले शीशे पर रावण का नाम लिखते हैं.
आज तक बिसरख के लोगों ने रावण के सम्मान में दशहरा नहीं मनाया. अतीत में रावण दहन के दौरान एक लड़के की मौत हो जाने से लोगों ने इस रिवाज़ को छोड़ ही दिया है.
यहां तक कि बिसरख के लोग रामलीला का मंचन भी नहीं करते हैं.
ज़मीन की मांग
महेश शर्मा की योजना अपने निर्वाचन क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट सर्किट बनाने की है जिसे वे दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर और नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल, बोटनिकल गार्डेन, शहीद स्मारक से जोड़ना चाहते हैं.
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