- 1 अगस्त 2016
प्रस्तुति- अमन कुमार अमन
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आम आदमी पार्टी से अलग हुए योगेंद्र यादव ने नए दल के गठन के साथ सक्रिय राजनीति में आने का फ़ैसला लिया है.
दिल्ली
में आयोजित स्वराज अभियान के दो दिवसीय सम्मेलन के बाद ये तय किया गया है
कि दो अक्तूबर तक राजनीतिक दल के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.अपनी नई राजनीतिक पार्टी और आम आदमी पार्टी को लेकर पढ़ें योगेंद्र यादव की रायः-
"इसमें कोई शक़ नहीं कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान देश में एक बहुत बड़ी आशा का संचार हुआ था. फिर आम आदमी पार्टी बनी और जब आम आदमी पार्टी ने भी वही काम करना शुरू कर दिए जो बाकी पार्टियां करती हैं, कई मायनों में उनसे भी बुरे काम करने शुरू कर दिए तो लोगों का मन टूटा, आशा टूटी.
जब हमने स्वराज अभियान आज से एक साल पहले बनाया तभी हमने संकल्प लिया था कि हम एक नई राजनीतिक शक्ति बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं.
हमें एक साल लगा क्योंकि हम वो सब गलतियां नहीं दोहराना चाहते थे. आम आदमी पार्टी के प्रयोग में जो सबक हम ने सीखे उसके आधार पर सुधरना चाहते थे.
मैं बार-बार कहता हूं जब पार्टी में नहीं था तब भी, बनाई तब भी, छोड़ी तब भी, कि पार्टी बनाना और राजनीति करना धर्म का काम है.
संघर्ष भी कर सकते हैं जैसे मेधा पाटेकर, अरूणा रॉय और ना जाने कितने जन आंदोलनों ने सिखाया है.
आप आत्मबल कर सकते हैं, आप ज्ञान निर्माण कर सकते हैं और ये सब बड़े काम हैं.
लेकिन इसकी तार्किक परिणीति होती है सत्ता परिवर्तन में, इसकी परिणति होती है सरकार की नीति बदलाव में, इसकी परिणति होती है शक्ति संतुलन के बदलाव में.
राजनीतिक दल की एक नई अवधारणा ले कर आए हैं. अब तक हम पुराने स्टाइल के राजनीतिक दलों की अवधारणा को ढोते आ रहे हैं. उससे बिल्कुल एक अलग प्रयोग हम करने जा रहे हैं.
मैं नहीं कहता कि सारे फॉर्मुले हमारे पास हैं. उतरेंगे, गलतियां भी करेगे, सीखेंगे भी. लेकिन एक ईमानदार तरीके से सीखेंगे.
और अपनी गलतियों को जनता के सामने रखेंगे. बड़बोलापन नहीं करेंगे, झूठ और नौटंकी नहीं करेंगे.
हमने अपनी पार्टी बनाने की प्रक्रिया किसी चुनावी कैलेंडर से बांधी नहीं है. हम इस देश में दीर्घकालीन परिवर्तन के लिए एक औज़ार बना रहे हैं.
चुनाव आएंगे, जाएंगे ये सब कुछ चलता रहेगा.
दो अक्टूबर तक हमें अपनी पार्टी का नाम भी बनाना है, संविधान बनाना है और हां चुनावी कैलेंडर भी बनाना है."
(योगेंद्र यादव से बीबीसी संवाददाता निखिल रंजन की बातचीत पर आधारित)
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