दिल्ली भले ही देश का दिल हो, मगर इसके दिल का किसी ने हाल नहीं लिया। पुलिस मुख्यालय, सचिवालय, टाउनहाल और संसद देखने वाले पत्रकारों की भीड़ प्रेस क्लब, नेताओं और नौकरशाहों के आगे पीछे होते हैं। पत्रकारिता से अलग दिल्ली का हाल या असली सूरत देखकर कोई भी कह सकता है कि आज भी दिल्ली उपेक्षित और बदहाल है। बदसूरत और खस्ताहाल दिल्ली कीं पोल खुलती रहती है, फिर भी हमारे नेताओं और नौकरशाहों को शर्म नहीं आती कि देश का दिल दिल्ली है।
रविवार, 7 अगस्त 2016
जंगल में अमंगल और रंजन के घर केवल मंगल
सौ से अधिक बैंक खातों में करोड़ों रुपये
हजारीबाग :- हजारीबाग वन प्रमण्डल के पूर्वी वन क्षेत्र बगोदर के वनरोपण
रेंजर दिगंबर सिंह की अकूत संपत्ति का अब एसीबी टीम ने लेखा – जोखा लगभग
तैयार कर लिया है। हालांकि, टीम को अब भी उनकी सम्पत्ति के बारे में बहुत
कुछ जांच करना बाकी रह गया है। अभी तक टीम के हाथों उनके काले कारनामों की
दर्जनों जानकारियां मिल चुकी हैं। शहर व आसपास के की बैंक शाखाओं में उनके
एक सौ से अधिक खातों का पता चल चुका है, जिसमें करोड़ों रुपये जमा हैं।
सबसे अहम बात यह है कि जैसे-जैसे एसीबी टीम जांच आगे बढ़ाते गई, उनकी अवैध
संपत्ति का ब्योरा मिलता चला गया। सबसे अधिक खाते उनकी दूसरी पत्नी रीना
सिंह के नाम है। जिसमें एक करोड़ से अधिक रुपये जमा होने की बात बताई जा
रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रेंजर दिगंबर सिंह अपने काले
कारनामों को छिपाने के लिए बड़े- बड़े अधिकारियों व नेताओं से मिलकर मामले
को रफा- दफा करने के फिराक में है। हजारीबाग वन भवन में इधर कुछ दिनों से
उनका लगातार आना- जाना हो रहा है और अधिकारियों से मिलकर अपनी पुरानी
फाइलों को ठीक करने में लगे हुए हैं। उनका साथ अधिकारी भी दे रहे हैं। जैसे
ही वह वन भवन पहुंचता है, यहां स्थित सभी कार्यालय में हलचल मच जाती है।
इधर, इनके आलीशान भवन का मूल्यांकन का काम भी पूरा हो चुका है। मूल्यांकन
का काम पीडब्ल्यूडी बिल्डिंग डिविजन को सौंपा गया था। मिली जानकारी के
अनुसार रेंजर का मकान का मूल्य लगभग तीन करोड़ आंका गया है। हालांकि इसकी
विस्तृत रिपोर्ट बिल्डिंग डिविजन ने एसीबी टीम को नही सौंपी है। अब एसीबी
टीम यह बात पता लगाने में लगी है कि करोड़ों रुपये घोटाले के मामले में
किन-किन अधिकारियों ने मदद की। वैसे अधिकारियों पर भी एसीबी टीम की पैनी
नजर है। उनसे भी एसीबी टीम जरूरत पड़ने पर पूछताछ कर सकती है। बात दें कि
पिछले दिनों एसीबी टीम ने रेंजर के साकेतपुरी स्थित आवास पर छापा मारा था,
जिसमें 33.50 लाख रुपये नकद, जेवरात, जमीन के कागजात व बैंक के दर्जनों
खाते मिले थे। इसके बाद टीम ने जांच पड़ताल करनी शुरू कर दी। जांच पड़ताल
के दौरान जो बातें सामने आयीं वह चैंकाने वाली है। रेंजर का रहन- सहन एक
राजे महराजे जैसा था। नौकरों पर ही वह प्रतिमाह दो लाख रुपये से अधिक खर्च
करता था। सूत्रों के मानें तो उनके परिवार का सिर्फ कॉस्मेटिक सामान साबुन,
महंगे तेल आदि में लाखों का खर्च होता था। विदेशी साबुन से उसके
परिवारवाले स्नान करते थे और परफ्यूम भी विदेशी होता था।
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