मंगलवार, 23 मार्च 2021

संगीतकार निसार बज़मी को लोग भूल गये

  22 मार्च को पुराने ज़माने के भूले बिसरे संगीतकार मरहूम निसार बज़्मी साहब की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए,उनके संगीत में रफ़ी साहब के सदाबहार नग़मों की सूची पेश है...उनके पास लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जी ने सहायक के रूप में काम किया,दिवंगत आनंद बक्षी जी ने फिल्मी गीत की शुरुआत इन्ही के संगीत में भला आदमी से की थी।..


*रफ़ी-निसार बज़्मी के सदाबहार नग़मे*

*संकलनकर्ता-संतोष कुमार मस्के*

*फ़िल्म-कर भला*

१)-

दिलवाले,भला कर भला- *साथ आशा*

२)-

अब कोई जाए कहाँ- *साथ आशा*

३)-

ओ दिलबर,आ नज़र मिला- *साथ आशा*

४)-

चले कहाँ लेके,मेरे दिल का क़रार- *साथ लता*

५)-

दीवाने,अगर मगर काहे सोचे- *साथ आशा*

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*फ़िल्म-शोला जो भड़के*

६)-

तेरी क़सम ओ दिलरूबा- *साथ आशा*

७)-

ऐसी चाल न चलो,कलेजा हिल जाएगा- *साथ सुमन कल्याणपुर*

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*फ़िल्म-हल्ला गुल्ला 1954*

८)-

यूँ न छेड़ो बलम,कोई आ जायेगा- *साथ आशा*

९)-

कोई तिरछी नज़र से देख रहा है- *साथ आशा*

१०)-

दिल पुकारे आ,ना तड़पा- *साथ आशा*

११)-

दिल धड़का,मैं फड़का,शोला उल्फ़त का- *साथ आशा*

१२)-

मतलब की दुनिया का है ये कैसा- *साथ आशा*

१३)-

नैनो के तीर जिधर टूट पड़े- *साथ आशा*

१४)-

मैं हूँ बाँका छबीला जवानों- *साथ आशा*

१५)-

जाने क्या बात हुई,नज़र ऊँची है- *साथ आशा*

१६)-

होने वाली होके रहेगी बात- *साथ आशा*

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*फ़िल्म-प्यारा दुश्मन 1955*

१७)-

प्यार किया नहीं जाता,हो जाता है- *साथ आशा*

१८)-

ये दुनिया है आनी जानी- *साथ आशा*

१९)-

महँगा हो या सस्ता हो,पर सौदा कर लो प्यार का- *एकल*

२०)-

आ तुझको बुलाए,ये प्यासी निग़ाहें- *साथ आशा*

२१)-

जाने वाले तू अगर मामे से डरना- *एकल*

२२)-

कुछ बोलो ज़रा,मुँह खोलो ज़रा- *साथ आशा*

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*फ़िल्म रूपलेखा 1949*

२३)-

तुम हो जाओ नज़ारें,कभी चाँदनी रातों से- *साथ सुरिंदर कौर*

२४)-

तीर पे तीर खाये जा,जुल्म-ओ-सितम उठाये जा- *एकल*

----- *संतोष कुमार मस्के-संकलन से* -----

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