चीता सूखी धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है। लेकिन, दूसरे नंबर पर कौन है। चीते को अगर स्वर्ण पदक हासिल हुआ है तो रजत जीतने वाला कौन है। कौन है जो चीते की चपलता को भी कभी-कभी मात देने में सक्षम साबित हो सकता है। अमेरिका में एंटीलोप (हिरनों) की एक खास प्रजाति प्रोंगहार्न पाई जाती है। ये खास किस्म के हिरन अपनी दौड़ से सभी को मीलों पीछे छोड़ देते हैं। चीता 113 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक दौड़ सकता है। लेकिन, चीते की यह रफ्तार बस केवल कुछ सौ मीटर तक ही बनी रहती है। इसके बाद उसे रुक जाना पड़ता है। लेकिन, प्रोंगहार्न लंबी दूरी का तेज धावक है। वह 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से दौड़ सकता है। यही नहीं वह लगभग छह किलोमीटर तक अपनी तेज दौड़ को बनाए रख सकता है। उसकी दौड़ के सामने टिकने वाला अमेरिका में कोई भी जानवर नहीं है।
अमेरिका के वन्य जीव विज्ञानी उसकी रफ्तार को लेकर आश्चर्य प्रगट किया करते थे। अपने शिकारी से आगे निकलना सभी खुरवाले जानवरों की कोशिश होती है। लेकिन, जब अमेरिका में इतनी तेजी से खदेड़ने वाला कोई जानवर ही मौजूद नहीं है तो फिर इतनी तेज भागने की आखिर प्रोंगहोर्न को जरूरत क्या पड़ी। ये पहेली अब सुलझा ली गई है। हाल ही में हुए शोधों से पता चला कि आज भले ही प्रोंगहोर्न को इतना तेज दौड़ने की जरूरत नहीं है। लेकिन, उसके पूर्वजों के पास जान बचाने के लिए इसके अलावा और कोई चारा भी नहीं था। लगभग दस हजार साल पहले अमेरिका में भी चीते जैसी एक बड़ी बिल्ली रहा करती थी। उसकी रफ्तार भी चीते की तरह ही तेज हुआ करती थी। उससे बचने के लिए प्रोंगहार्न को तेज दौड़ लगानी पड़ती थी। इसके चलते उनकी आज की पीढ़ी भी उसी तेज रफ्तार से दौड़ लगाती है। शिकारी कब का खतम हो गया। लेकिन, शिकार के अंदर उसका भय आज तक जिंदा है।
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