सोमवार, 22 मार्च 2021

नलिनी जयवंत'

 'नलिनी जयवंत' (जन्म १८ फरवरी १९२६) प्रसिद्ध अभिनेत्री शोभना समर्थ (अभिनेत्रियों नूतन और तनुजा की मां) की चचेरी बहन थी। १९४१ में फ़िल्म- 'राधिका' से नलिनी जयवंत ने  अपने कैरियर की शुरुआत शुरू की।


सन १९४२ में रिलीज हुई फिल्म ‘आंख मिचौली’ ने नलिनी जयवंत को सफल अभिनेत्रियों की पंक्ति में ला खड़ा कर दिया था। इसके बाद नलिनी को अनेकों फिल्मों के ऑफर मिलने शुरू हो गए। अपने २५ वर्षों के लंबे फिल्मी कैरियर (१९४१ से १९६५ तक) के दौरान नलिनी जयवंत ने लगभग ६० फिल्मों में काम किया था। उनकी प्रमुख फिल्मों में - 'राही', 'शिकस्त', 'रेलवे प्लेटफार्म', 'आवाज़', 'काला पानी', 'एक नजर', 'जादू', 'नौजवान', 'दोराहा', 'काफिला', 'नौबहार', 'नास्तिक', 'मुनीम जी', 'लगान', 'आन-बान', 'दुर्गेश नंदिनी', 'हम सब चोर हैं', 'मिस बॉम्बे', 'मिस्टर एक्स', 'शेरू', 'मिलन', 'गल्र्स होस्टल', 'ज़िन्दगी और हम', 'कितना बदल गया इंसान', 'मां के आंसू', 'बाप-बेटी', 'नाज़', 'महबूबा' इत्यादि का नाम लिया जाता है।


अभिनेता दिलीप कुमार अपनी सभी सह-नायिकाओं में से 'नलिनी जयवंत' को सबसे अधिक प्रतिभावान अभिनेत्री मानते थे, जो किसी भी फिल्म-दृश्य के सार को बखूबी समझ लेती थी और उस चरित्र में डूब जाती थी। एक कैमरामैन सर्वेक्षण द्वारा नलिनी को सबसे फोटोजेनिक चेहरे वाली भारतीय अभिनेत्री के रूप में चयन किया गया था। अपने दौर की बोल्ड और ब्यूटीफुल अदाकारा नलिनी जयवंत, जीवन की संध्या-बेला में बिलकुल तन्हा हो गई थी। २१ दिसंबर २०१० को मुंबई में उनका निधन हो गया। तीन दिन तक उनकी मौत की खबर तक किसी को नहीं लगी। फिल्म 'मुनीम जी' के लिए साहिर लुधियानवी ने कितना सही गीत लिखा था ~


'जीवन के सफर में राही, मिलते हैं बिछड़ जाने को,

और दे जाते हैं यादें,  तन्हाई में तड़पाने को…


नलिनी जयवंत ने बहुत सी फिल्मों में स्वयं के लिए करीब ३८ गाने भी गाये। उनके गाये कुछ गीत ~


* हवा बसंत की डोल रही थी

बन में कोयल बोल रही थी


फ़िल्म : बहन (१९४१)

स्वर : नलिनी जयवंत / हरीश

गीतकार : सफ़दर आह सीतापुरी

संगीत : अनिल विश्वास


* आहें भर-भर के तुझे याद किया करती हूँ

याद किया करती हूँ, फ़रियाद किया करती हूँ


फ़िल्म : मुक़द्दर (१९५०)

स्वर : नलिनी जयवंत

गीतकार : राजा मेंहदी अली ख़ान

संगीत : खेमचंद प्रकाश/भोला श्रेष्ठ 


* जब नैनों में कोई आन बसे, फिर नींद कहाँ ओ फिर चैन कहाँ

जब दिल में प्यार की हूक उठे, फिर नींद कहाँ ओ फिर चैन कहाँ


फ़िल्म : मुक़द्दर (१९५०)


* रखती हूँ मैं प्यार तेरा सीने से लगा के

तेरी तस्वीर पिया नैनों में छुपा के


फ़िल्म : हिंदुस्तान हमारा (१९५०)

स्वर : नलिनी जयवंत

गीतकार : दीवान शरार

संगीत : वसंत देसाई

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