आज 31 मार्च को फिल्मी दुनिया की अब तक की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक मरहूम मीना कुमारी साहिबा की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए उनकी फिल्मों में रफ़ी साहब के गाये सर्वश्रेष्ठ सदाबहार नग़मों की सूची पेश है....
*रफ़ी-मीनाकुमारी के सर्वश्रेष्ठ नग़मे*
*संकलनकर्ता-संतोष कुमार मस्के*
*फ़िल्म-बैजू बावरा*
१)-
मन तड़पत हरी दर्शन को आज- *एकल*
२)-
ओ दुनिया के रखवाले,सुन दर्द भरे मेरे नाले- *एकल*
३)-
तू गँगा की मौज़ मैं जमुना का धारा,हो रहेगा मिलन,ये तुम्हारा,हो रहेगा मिलन ये तुम्हारा हमारा- *साथ लता*
४)-
इंसान बनो,कर लो भलाई का कोई काम- *एकल*
५)-
झूले में पवन की आयी बहार प्यार छलके हो प्यार छलके- *साथ लता*
६)-
दूर कोई गाये धुन ये सुनाये,तेरे बिन छलिया रे,लागे ना ये जियरा रे- *साथ शमशाद व लता*
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*फ़िल्म-कोहिनूर*
७)-
मधुबन में राधिका नाचे रे,गिरधर की मुरलिया बाजे रे- *एकल*
८)-
दो सितारों का जमीं पर है मिलन, आज की रात,आज की रात- *साथ लता*
९)-
चलेंगे तीर जब दिल पर,तो अरमानों का क्या होगा- *साथ लता*
१०)-
ज़रा मन की किवड़िया खोल,के सैय्यां तेरे द्वारे खड़े,अरे सैय्यां तेरे बलमा तेरे द्वारे खड़े- *एकल*
११)-
कोई प्यार की देखें जादूगरी,गुलफ़ाम को मिल गयी सब्जपरी- *साथ लता*
१२)-
तन रँग लो जी मन रँग लो,हो खेलो खुशी से रँग होली आयी रे- *साथ लता*
१३)-
ढल चुकी शाम-ए-ग़म, अब मुस्कुराले सनम,ग़म की रात अब जाने को है- *एकल*
१४)-
ज़ख्मों से कलेजा चूर हुआ,ये क्या जिंदगी है- *एकल*
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*फ़िल्म-आरती*
१५)-
अब क्या मिसाल दूँ मैं तुम्हारे शबाब की,इंसान बन रही है किरण,माहताब की- *एकल*
१६)-
आपने याद दिलाया तो मुझे याद आया- *साथ लता*
१७)-
अरे बार बार तोहे क्या समझाए,पायल की झंकार,तेरे बिन साजन,लागत न जियरा हमार- *साथ लता*
१८)-
वो तीर दिल पे चला जो तेरे कमान में है- *साथ आशा*
१९)-
ना भँवरा ना कोई गुल,अकेला हूँ मैं तेरा बुलबुल- *साथ आशा*
२०)-
प्यार की बोलियाँ बोलती,मैं तो जाती हँसती डोलती,डंक बिछुआ ने मारा,उई माँ उई माँ उई माँ- *साथ आशा*
२१)-
आ जा,आजा रे बलमा,वादा करके तू कभी उठी है कभी झुकी है,ये नैना बड़े बेक़ाबू- *साथ सुमन कल्याणपुर*
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*फ़िल्म-साँझ और सवेरा*
२२)-
जिंदगी मुझको दिखा दें रास्ता,मुझको तेरी हसरतों का वास्ता- *एकल*
२३)-
तक़दीर कहाँ,ले जाएगी,मालूम नहीं,मालूम नहीं,आएगी मंज़िल, आएगी मंज़िल- *एकल*
२४)-
यही है वो साँझ और सवेरा,जिसके लिए तरसे हम सारा,जीवनभर,यही है वो साँझ और सवेरा- *साथ आशा*
२५)-
अजहूँ न आये बालमा,सावन बितों ही जाए,जाए रे,सावन बितों ही जाए- *साथ सुमन कल्याणपुर*
----- *संतोष कुमार मस्के-संकलन से* -----
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भाग-2
*रफ़ी-मीनाकुमारी के सर्वश्रेष्ठ नग़मे*
*संकलनकर्ता-संतोष कुमार मस्के*
*फ़िल्म-दिल एक मंदिर*
२६)-
दिल एक मंदिर है,दिल एक मंदिर है,प्यार की जिसमे,होती है पूजा,वो प्रीतम का घर है- *साथ सुमन कल्याणपुर*
२७)-
याद न जाये,बीतें दिनों की,जाके न आये वो दिन,दिन क्यों न आये- *एकल*
२८)-
यहाँ कोई नहीं,तेरे मेरे सिवा,कहती है झूमती गाती है,तुम सबको छोड़के आ जाओ,आ जाओ- *एकल*
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*फ़िल्म-मिस मेरी*
२९)-
ओ रात के मुसाफ़िर,चँदा ज़रा बता दें,मेरा कसूर क्या है,तू इतना बता दें- *साथ लता*
३०)-
वृंदावन का कृषण कन्हैया,सबकी आँखों का तारा,मन ही मन क्यों जले राधिका,मोहन तो है सबका प्यारा- *साथ लता*
३१)-
पहले पैसा फिर भगवान,दाता देते जाना दान,अठन्नी या चवन्नी,आना दो आना- *एकल*
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*फ़िल्म-ग़ज़ल*
३२)-
रँग और नूर की बारात किसे पेश करूँ,ये मुरादों की,हसीं रात किसे पेश करूँ,किसे पेश करूँ- *एकल*
३३)-
दिल ख़ुश है आज उनसे,मुलाक़ात हो गयी- *एकल*
३४)-
इश्क़ की गर्मी-ए-जज़्बात,किसे पेश करूँ- *एकल*
३५)-
नग़मा-ओ-शेर की सौगात किसे पेश करूँ- *एकल*
३६)-
मुझे ये फूल न दें,तुझको दिलबरी की क़सम,ये कुछ नहीं ये कुछ नहीं,तेरे होठो की ताज़गी की कसम- *साथ सुमन कल्याणपुर*
३७)-
ताज तेरे लिए ताज हो,मेरे महबूब कहीं और मिला कर मुझसे,एक शहंशाह ने दौलत का सहारा लेकर,हम गरीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मज़ाक- *एकल*
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*फ़िल्म-मैं चुप रहूँगी*
३८)-
कोई बता दें दिल है जहाँ,क्यों होता है दर्द वहाँ,तीर चलाके,शूल चुभाके,ये मत पूछो दर्द कहाँ- *साथ लता*
३९)-
चाँद जाने कहाँ खो गया,तुमको चेहरे से पर्दा,हटाना न था- *साथ लता*
४०)-
ख़ुश रहो,अहले-चमन,हम तो वतन छोड़ चले- *एकल*
४१)-
मैं कौन हूँ,मैं कहाँ हूँ,मुझे ये होश नहीं- *एकल*
४२)-
पा पा पा मा पा गा,आये न बालम,का करूँ सजनी,याहू याहू- *साथ लता*
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*फ़िल्म-बहु बेग़म*
४३)-
हम इंतज़ार करेंगे,तेरा कयामत तक,खुदा करें कि क़यामत हो और तू आये- *साथ आशा*
४४)-
लोग कहते है,तुझसे किनारा कर ले- *एकल*
४५)-
अर्ज-ए-शौक़,आँखों मे है,तेरे आगे बात करने का मज़ा,आँखों मे है,वाकिफ़ हूँ खूब इश्क़ के,तर्ज़-ए- बयाँ से मैं- *साथ ताबिश*
४६)-
आ अब जाँ-ब-लब हूँ सिद्धते,हे दर्द-ए -निहाद मैं,हाँ ऐसे में ऐसे में,ढूँढ के लाऊं कहाँ से मैं- *साथ मन्नाडे*
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*फ़िल्म-भीगी रात*
४७)-
दिल जो न कह सका,वही राजे-दिल, कहने की बात,आई- *एकल*
४८)-
मोहब्बत से देखा,ख़फ़ा हो गए है,हसीं आज़कल के ख़ुदा हो गए है- *एकल*
४९)-
ऐसे तो न देखो,बहक कहीं न जाएं हम- *साथ सुमन कल्याणपुर*
५०)-
जाने वो कौन है क्या नाम है उन आँखो का- *एकल*
----- *संतोष कुमार मस्के-संकलन से* -----
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भाग-3
*रफ़ी-मीनाकुमारी के सर्वश्रेष्ठ नग़मे*
*संकलनकर्ता-संतोष कुमार मस्के*
*फ़िल्म-काज़ल*
५१)-
छू लेने दो नाज़ुक होठों से,कुछ और नहीं है जाम है ये,क़ुदरत ने हमे जो बक्शा है,वो सबसे हसीं ईनाम है वो- *एकल*
५२)-
ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के,बिखर जाए तो अच्छा- *एकल*
५३)-
ज़रा सी और पिला दो भाँग,ओ जय बम भोला,ओ जय बम भोला- *साथ आशा*
५४)-
क़बीरा निर्भय राम जपे,महफ़िल में तेरी यूँ ही रहे- *साथ आशा*
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*फ़िल्म-चित्रलेखा*
५५)-
मन रे,तू काहे न धीर धरे,ओ निर्मोही, मोह न जाने,किसका मोह करें- *एकल*
५६)-
छा गए बादल नीलगगन में,धूल गया कजरा,शाम ढले- *साथ आशा*
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*फ़िल्म-अकेली मत जइयो*
५७)-
ये तो कहो,कौन हो तुम कौन हो तुम, मेरी बहार तुम ही तो नहीं- *साथ लता*
५८)-
रास्ते मे दो अनजाने,ऐसे मिले दीवाने- *साथ आशा*
५९)-
ये हवा ये मस्ताना मौसम,दिल को फिर क़रार आया- *साथ लता*
६०)-
ये सायकल का चक्कर,कभी आगे कभी पीछे- *साथ आशा*
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*फ़िल्म-बेनज़ीर*
६२)-
आज शीशे में बार बार उन्हें देखा- *एकल*
६३)-
दिल मे इक जाने तमन्ना ने जगह पाई है- *एकल*
६४)-
मैं शोला हूँ,हर एक शै को जलाना काम है मेरा- *साथ सुमन कल्याणपुर*
६५)-
ले गयी,एक हसीना दिल मेरा- *एकल*
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*फ़िल्म-चंदन का पलना*
६६)-
तुम्हे देखा है मैंने गुलिस्ताँ में,के जन्नत ढूँढ ली है इसी जहाँ में- *एकल*
६७)-
ज़ुल्फो को तुम न यूँ सँवारा करों,इश्क़ किसी दिन,बहक जाएगा- *साथ आशा*
६८)-
तीर तट दंग,आये तीर तट दंग- *साथ मन्नाडे*
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*फ़िल्म-सट्टा बाज़ार*
६९)-
ज़रा ठहरों अब्दुल गफ़्फ़ार,रुमाल मेरा लेके जाना- *साथ सुमन कल्याणपुर*
७०)-
आँकड़े का धंदा,एक दिन तेज,सौ दिन महँगा- *एकल*
७१)-
जा जा,ना छेड़,मान भी जा- *साथ सुमन कल्याणपुर*
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*फ़िल्म-मधु*
७२)-
तुमसे लगन लगी है ऐसी अगन जगी है जैसी- *साथ लता*
७३)-
ओ देके बढ़नामी ज़माने भर की- *साथ आशा*
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*फ़िल्म-फूल और पत्थर*
७४)-
मेरे दिल के अंदर,चलाती है ख़ंजर- *एकल*
७५)-
तुम कौन? मामूल,मैं कौन? तामील- *एकल*
----- *संतोष कुमार मस्के-संकलन से* -----
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भाग-4
*फ़िल्म-हलाकू*
७६)-
आजा के इंतज़ार में,जाने को है बहार भी- *साथ लता*
७७)-
दिल का न करना एतबार कोई- *साथ लता*
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*फ़िल्म-अभिलाषा*
७८)-
वादियां मेरा दामन,रास्ते है मेरी बाहें, तुम जहाँ जाओगे,हमे वहाँ पाओगे- *एकल*
७९)-
एक ज़ानिब,शम्मे-महफ़िल,एक ज़ानिब,रूह-ए-जाना,गिरता है देखे कहाँ परवाना- *साथ लता व मन्नाडे*
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*फ़िल्म-अर्द्धांगिनी*
८०)-
दिल हम तो हारे,तुम कहो प्यारे,गालों का तिल,कब हारोगे- *साथ गीतादत्त*
८१)-
तूने जो इधर देखा,हाये मैंने भी उधर देखा- *साथ गीतादत्त*
८२)-
कल सजना मिलना यहाँ,है तमाम काम धाम रे,आज ना ना,आज ना ना,छोड़ो भी न पागलपन- *साथ गीतादत्त*
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*फ़िल्म-दुनिया झुकती है*
८३)-
फूलों से दोस्ती है,काँटों से यारी- *एकल*
८४)-
दुनिया मे जो है वो भी आदमी, मुफलिसो सी अदा है,वो भी आदमी,जरदारो बेतवा है,वो भी आदमी,नियामत जो खा रहा है,वो भी है आदमी- *एकल*
८५)-
प्यार में जोकर बन गए हम- *साथ आशा*
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*फ़िल्म-नूरजहाँ*
८६)-
आप जबसे क़रीब आये है,प्यार के रँग,दिल पे छाये है- *साथ आशा*
८७)-
वो मोहब्बत,वो वफ़ाएँ,किस तरह हम भूल जाए- *एकल*
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*फ़िल्म- जवाब*
८८)-
जिंदगी वो क्या,ना प्यार जिसमे हो,साथ अगर हो साथी दिलका मज़ा सफर में है- *साथ लता*
८९)-
चली कहाँ,हँसती गाती, चँचल नदिया, शोर मचाती- *साथ आशा*
९०)-
किस कारण जोगन जोग लिया,भरी जवानी में,ये कैसा रोग लिया- *एकल*
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*फ़िल्म-मैं भी लड़की हूँ*
९१)-
आये तो हुजूर बड़े सजके,जुल्फे सँवारे बन ठन के,नज़रें झुकाए अब चले कहा तनके- *एकल*
९२)-
यही तो दिन है बहार के,यही तो दिन है प्यार के इक़रार के- *साथ आशा*
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*फ़िल्म-दाना पानी*
९३)-
कोई अमीर है,कोई ग़रीब है,जो है दोनों के बीच,बड़ा बदनसीब है- *एकल*
९४)-
तेरे हाथो में जीवन की जीत हार है,बना ले जो मोहब्बत को,जीवन बना ले- *साथ गीतादत्त*
९५)-
तू हँसे तो ग़म शरमाया,दिल झुम झुम लहराया,दिल झुम झुम लहराया- *साथ शमशाद बेग़म*
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*फ़िल्म-अल्लाउद्दीन और जादुई चिराग़*
९६)-
यूँ ही उल्फ़त के मारों पे ये दुनिया जुल्म करती है- *साथ शमशाद*
९७)-
हो सके तो दिल के बदले,दिल इनायत कीजिए- *साथ आशा,शमशाद व चित्रगुप्त*
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*फ़िल्म-आदिल-ए-जहाँगीर*
९८)-
अल्लाह तेरी,अल्लाह करें रखवाली- *एकल*
९९)-
अपना ही घर लूटने दीवाना जा रहा है- *एकल*
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१००)-
चलो दिलदार चलो,चाँद के पार चलो,हम है तैय्यार चलो- *पाकीज़ा* *साथ लता*
----- *संतोष कुमार मस्के-संकलन से* -----
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भाग-5
*रफ़ी-मीनाकुमारी के सदाबहार नग़मे*
*संकलनकर्ता-संतोष कुमार मस्के*
१०१)-
अज़ब है मालिक तेरा जहाँ,चिराग़ कहाँ रोशनी कहाँ- *चिराग़ कहाँ रोशनी कहाँ* *एकल*
१०२)-
जाने कहाँ गयी,दिल मेरा ले गयी ले गयी- *दिल अपना और प्रीत पराई* *एकल*
१०३)-
ऊँचे ऊँचे महलों वाले,बन बैठे भगवान- *जागीर* *एकल*
१०४)-
मुझे प्यार की,जिंदगी देने वाले,कभी ग़म न देना,खुशी देने वाले- *प्यार का साग़र* *एकल*
१०५)-
जमीन भी वो ही,आसमान भी वो ही, मगर अब वो दिल्ली वाली बात नहीं- *चाँदनी चौक* *एकल*
१०६)-
मेरा बंदर चला है ससुराल- *जिंदगी और ख़्वाब* *एकल*
१०७)-
जो वक्त पे काम आ जाये,अजी वही सहारा अच्छा है,अगर बूरा न मानो अर्ज करूँ,मोटर से खटारा अच्छा है- *फ़रिश्ता* *साथ आशा*
१०८)–
अज़ब है दास्ताँ तेरी ऐ जिंदगी,कभी हँसा दिया,रुला दिया कभी- *शरारत* *एकल*
१०९)-
बोलो जी हमारे गुब्बारे,प्यारे प्यारे,ये धरती ये फूल,गगन के तारें- *बंदिश* *एकल*
११०)-
तेरी तस्वीर भी तुझ जैसी हसीं है लेकिन ये मेरी ज़ख्मी जिंदगी का मड़ावा तो नहीं- *किनारे किनारे* *साथ उषा मंगेशकर*
१११)-
अज़ब खेल क़िस्मत का देखो,काँटो भरे जहाँ में,बिछड़ के डाल से दो कलियाँ,उजड़ी है आज तूफान में- *पूर्णिमा* *एकल*
११२)-
सबने कही,एक ना मानी,दुनिया अपनी लूटा बैठे,अपने हाथों घर के स्वर्ग को आज एक नर्क बना बैठे,जो होते अगर दो लाल तो वो होता न हाल बेहाल,गली गली में यूँ ना भटके अपने नौनिहाल- *सात फेरे* *एकल*
११३)-
गोरे जिस्म और गुलाबी गालों वाली लड़कियाँ,जान ले लेती है लंबे बाल वाली लड़कियाँ- *सात फेरे* *एकल*
११४)-
हे शंकर,प्रलयंकर- *हनुमान पाताल विजय* *एकल*
११५)-
राम श्री राम राजा राम- *हनुमान पाताल विजय* *एकल*
११६)-
मैं कह दूँ तुमको चोर तो बोलो क्या करोगे,अगर मैं मचा दूँ शोर तो बोलो क्या करोगे- *सनम 1951* *साथ सुरैय्या*
११७)-
डाल दी मैंने, जल थल में नैय्या- *दायरा 1950* *साथ मुबारक़ बेग़म*
११८)-
करतब है बलवान जगत में करतब है बलवान- *श्री गणेश महिमा 1950* *एकल*
११९)-
दुनिया एक कहानी रे भैय्या,दुनिया एक कहानी- *अफ़साना 1951* *एकल*
१२०)-
चौपाटी में तुझसे कल जो आँख मटक्का हो गया,पानी पूरी भेल के हो गया हक्का बक्का- *अफ़साना* *साथ शमशाद*
१२१)-
आज सुहानी रात रे अहा अहा,होगी सजन से बात रे,अहा अहा- *नया अंदाज़* *साथ किशोर व शमशाद बेग़म*
१२२)-
ये रात आशिक़ाना,छाया समाँ सुहाना- *नया अंदाज* *साथ आशा*
१२३)-
टूट गया हाये टूट गया,वो साज-ए-मोहब्बत,टूट गया,हम जिनको समझते थे अपना,मालूम नहीं क्यों रूठ गया- *मग़रूर 1950* *साथ शमशाद व राजकुमारी*
१२४)-
ये दुनिया ये दुनिया,शैतानों की बस्ती है,हैवानों की बस्ती है,यहाँ जिंदगी सस्ती है,ये दुनिया ये दुनिया- *यहूदी* *एकल*
----- *संतोष कुमार मस्के-संकलन से* -----
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