बलि प्रथा आखिर कब तक ?/ कुमार सूरज
ओबरा के कझवाँ में हर सावन में परंपरागत तरीके से मनाई जाती है बलि प्रथा
ओबरा (औरंगाबाद)
ओबरा प्रखंड के ऊब पंचायत के कझवाँ गांव में देवी माता का मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध और चमत्कारी है। इस मंदिर में प्रत्येक वर्ष सावन माह के आखिरी बुधवार या शुक्रवार को ग्रामीणों के द्वारा भव्य तरीके से पूजा का आयोजन किया जाता है। पूजा के दौरान मंदिर परिसर में लगभग सैकड़ों की संख्या में बकरे की बलि देने की परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है। ग्रामीणों का मानना है कि जो भी भक्त माता रानी से सच्चे दिल से मन्न्त मांगते हैं माता रानी उनकी मनोकामना अवश्य पूरा करती है। मनोकामना पूरी होने पर वे माता को चढ़ावे के रूप में बकरे की बलि देते हैं। कझवाँ के वार्ड पार्षद शुभम कुमार सिंह ने बताया कि गांव के लोग प्रमुख त्योहारों में घर आए या ना आए पर सावन मास की पूजाई में अपने घर अवश्य आते हैं। स्थानीय निवासी उदय सिंह, सुरेश सिंह, नैन सिंह, वकील सिंह, सुरेंद्र सिंह, श्री राम सिंह, श्याम बिहारी सिंह, अर्जुन सिंह, अजय सिंह, बृजबिहारी सिंह, महेंद्र सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि इस दिन सभी ग्रामवासी नए वस्त्रों का धारण कर धूमधाम से देवी माँ का पूजा अर्चना करते हैं इस दौरान यहां भक्तों की बड़ी तादाद में भीड़ जमा होती है। इस अवसर पर भक्त माता के जयकारों के साथ भक्ति भजन व गीत संगीत का आयोजन भी करते हैं।
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