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रांची,
झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग मे अध्यक्ष और उपाध्यक्ष गैैर झारखंडी लोगो को और स्वर्ण समाज से बनाना झारखंड के झारखंडी मुस्लीम एंव पसमंदा समाज कदापि बर्दाश्त नही करेगा नायक
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उपरोक्त बाते आज झारखण्ड बचाओ मोर्चा के केन्द्रीय संयोजक सह आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद पर हिदायतुल्लाह खान और उपाध्यक्ष पद पर शमशेर आलम के नाम को मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने हरी झंडी देेने पर अपनी प्रतिक्रिया मे कही । इन्होने आगे कहा कि मनोनयन हेतु फाइल कल्याण विभाग से निकल कर विजिलेंस टीम के पास चला गया है। हिदायतुल्लाह खान और शमशेर आलम दोनों बाहरी और गैर खतियानी है। हिदायतुल्लाह खान पर तो कई अपराधिक मामले दर्ज है। दोनों सवर्ण-अशराफ मुस्लिम समुदाय के है जो भाजपा के परम्परागत वोट बैंक है । झारखंड की कुल मुस्लिम आबादी में 90% प्रतिशत से ज्यादा अंसारी और पसमांदा मुस्लिम समुदाय की आबादी है । ऐसे में पसमांदा और खतियानी मुस्लिम समुदाय को न बना कर दोनों पद पर किसी गैर खतियानी झारखंडी को बनाना समझ से परे है।
श्री नायक ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेता लोग इस भूल को सुधारे और दोनों पद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पर पसमांदा झारखंडी समुदाय से साफ सुथरी छवि रखने वाले को बनाया जाए नही तो मूलवासी, खतियानी झारखंडी पसमांदा समुदाय आने वाले दिनो मे झारखंडे बाहरी नाय चलतो! के तर्ज पर आन्दोलन करने को बाध्य होगा ।
श्री नायक नें आगे कहा कि यह आक्रोश और दुख का विषय है कि जल जंगल खतियान की बात करने वाली पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा बुरी तरह से बाहरी लोगों के गोदी में फस चुकी है और बाहरी नेताओं के दबाव में सिर्फ और सिर्फ बोर्ड निगमों में गैर झारखंडी समाज के उच्च वर्ग के नेताओं का मनोनीत किया जा रहा है जो झारखंडी समाज के लिए शुभ संकेत नहीं है । इन्होने यह भी कॉंग्रेस के केन्द्रीय नेताओं से अपील किया कि वह झारखंडी मुस्लिम समाज के मनोनयन के दिशा में काम करें अन्यथा आने वाले चुनाव में जे.एम.एम और कॉंग्रेस को इसकी सजा भुगतने पड़ेगे ।
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