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यह
गांव सबसे पहले ननकार राजवंश के समय में प्रकाश में आया था। उसके बाद गौर
के सुल्तान अलाउद्दीन हसन शाह (1495–1525) ने इस गांव को बाज बसंत रॉय को
इनाम में दे दिया था। राजा बाज बसंत शुरुआत में एक अनाथ किसान थे। उनके नाम
के आगे बाज शब्द कैसे लगा इसके पीछ एक अनोखी कहानी है। एक बार की बात है
जब ...
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30-Nov-2014 01:07 AM
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