शनिवार, 12 जुलाई 2014

सत्ता गंवाते ही भाषा की याद सताने लगी कांग्रेसियों को




भारतीय भाषा आन्दोलन को कांग्रेस का समर्थन 

 सोमवार को फिर संसद में गूंज सकता है हिन्दी का मामला

प्रस्तुति- आनंद प्रकाश 


दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर और दिल्ली से ही राज्यसभा सांसद प्रोफेसर जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि उनकी पार्टी ही नहीं उनका व्यक्तिगत समर्थन भी इस भारतीय भाषा आन्दोलन को है . उन्होने याद कराया कि १९६६ से १९६८ के दोरान भी अंग्रेजी हटाओ आन्दोलन में इन्होने भी भाग लिया था तथा १९८८ से चले भारतीय भाषा आन्दोलन से भी वे जुडे रहे है .उन्होने कहा कि इस आन्दोलन से भी वे पूर्व कि भांति जुडे ही है और इनकी व्यक्तिगत और पार्टी की और से पूर्ण समर्थन है . सोमवार को संसद में इस मामले पर इनका प्रयास होगा कि ये मांग हल हो जाये . इस मामले में प्रधान्मन्त्री कार्यालय के मंत्री श्री जितेंदर सिंह से भी संपर्क करने का प्रयास करेंगे .
इनसे मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में संघ लोक सेवा आयोग की भाषा नीति के विरुद्ध विश्व में सबसे लम्बे चले धरने के संयोजक - श्री पुष्पेंदर चौहान , २०११ से इसी मांग को लेकर जंतर-मंतर पर चल रहे धरने के संचालक - महासचिव श्री देवसिंह रावत , वर्तमान में मुखर्जी नगर से चल रहे भाषा आन्दोलन से जुडे दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रधानंद कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमरनाथ झा तथा भाषा आन्दोलन के संगठनकर्ता श्री देवेंदर भगत भी शामिल थे .
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