शुक्रवार, 25 जुलाई 2014

भारतीय नदियां गंदगी प्रदूषण और मलवे का पर्याय्य बनी


 

 

 

प्रस्तुति-- रेणु दत्ता, आशा सिन्हा

भारत की 150 नदियां प्रदूषित

भारत के 27 राज्यों में कुल 150 नदियां प्रदूषण की चपेट में हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 28 नदियां महाराष्ट्र में हैं. विकास की मिसाल बन चुके गुजरात की नदियां का भी बुरा हाल है.
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि राज्यवार प्रदूषित नदियों की सूची में पहले स्थान पर महाराष्ट्र है जहां 28 नदियां प्रदूषित हैं. दूसरे स्थान पर गुजरात है जहां ऐसी 19 नदियां हैं. सूची में 12 प्रदूषित नदियों के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर हैं.
कर्नाटक की 11 नदियां प्रदूषित नदियों की सूची में हैं, जबकि मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु प्रत्येक में 9 नदियां ऐसी हैं. राजस्थान की पांच और झारखंड की तीन नदियां इस सूची में हैं. साथ ही उत्तराखंड और हिमाचल की तीन तीन नदियां शामिल हैं. दिल्ली से गुजरने वाली एक ही नदी यमुना है और वह भी इस सूची में शामिल है.
जावड़ेकर ने कहा कि राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना और राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के अंतर्गत 10,716 करोड़ रुपये की अनुमोदित लागत से 21 राज्यों के 199 शहरों की 42 नदियां शामिल हैं.
देश के प्रदूषित इलाके
केंद्र सरकार ने कहा है कि दिल्ली का नजफगढ़ नाला क्षेत्र, पड़ोसी नोएडा और गाजियाबाद के साथ ही हरियाणा का फरीदाबाद और पानीपत देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्रों में शामिल हैं.
पर्यावरण मंत्री जावड़ेकर ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि इनके साथ ही झारखंड का धनबाद और छत्तीसगढ का कोबरा इलाका भी भारी प्रदूषण की चपेट में है. साथ ही उन्होंने बताया कि पंजाब में लुधियाना, मंडी, गोविंदगढ़ और राजस्थान में पाली, भिवाड़ी और जोधपुर और मध्य प्रदेश में इंदौर शामिल है. उत्तर प्रदेश के सात शहर आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, मिर्जापुर, नोएडा, सिंगरौली और वाराणसी भी इस सूची में शामिल हैं.
एए/आईबी (वार्ता)

DW.DE

संबंधित सामग्री

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें