प्रस्तुति-- अमित दक्षम राकेश गुड्डू , वर्धा
ब्रिटेन के थिंक टैंक पॉलिसी एक्सचेंज के शोध से पता चला है कि 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र वाले लोगों के लिए इंटरनेट अकेलेपन का साथी बन सकता है और संपर्क बढ़ाने का जरिया भी.
बुढ़ापे की दहलीज पर पहुंचते पहुंचते इंसान अकेला पड़ जाता है. ब्रिटेन के
थिंक टैंक पॉलिसी एक्सचेंज की रिपोर्ट के मुताबिक सामाजिक संपर्क का साधन
उम्र के इस पड़ाव में बेहद जरूरी है. थिंक टैंक पॉलिसी एक्सचेंज कहता है कि
बुजुर्गों का बड़ा प्रतिशत बहुत ही अकेला है और वर्ल्ड वाइड वेब इस
अकेलेपन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है. इस सब को करने के लिए एक
अरब यूरो की जरूरत हो सकती है जिससे तेजी से सामाजिक और आर्थिक बदलाव आ
सकता है. इस संगठन का कहना है कि पेंशन पाने वालों को सिखाया जाना चाहिए कि
वह ऑनलाइन कैसे आएं. दुबली पतली सुंदर सी रोजमेरी सार्जेंट्सन इंटरनेट
चलाना सीख रही हैं. सार्जेंटसन कहती हैं, "इसे सीखने के लिए थोड़ी देर हो
गई है. लेकिन इसने मुझे प्रभावित किया है और मैं कोशिश करूंगी." रोजमेरी
पहले से ही 6 हफ्तों का आईटी कोर्स कर रही हैं. वह ब्रिटेन की चैरिटी ऐज के
साप्ताहिक सत्र में हिस्सा ले रही हैं और इंटरनेट के इस्तेमाल के बारे में
सीखने की कोशिश कर रही हैं. रोजमेरी कहती हैं, "मैं ट्रेन के टाइम टेबल के
बारे में सीखने की कोशिश कर रही हूं, लेकिन सही तरीके से नहीं कर पा रही
हूं, मैं बार बार गलती कर रही हूं और मुझे दोबारा शुरुआत करनी पड़ रही है."
अकेलेपन के शिकार
थिंक टैंक पॉलिसी एक्सचेंज का मानना है कि ऑनलाइन होने से बुजुर्गों का सामाजिक जीवन सुधर सकता है. थिंक टैंक ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिससे पता चलता है यूके में आठ लाख बुजुर्गों को महीने में एक या उससे कम बार परिवार मिलने आता है. थिंक टैंक का सुझाव है कि इंटरनेट और सरल ऑनलाइन पहुंच अकेलेपन की भावना को कम करने का एक समाधान हो सकता है. पॉलिसी एक्सचेंज में टेक्नोलॉजी पॉलिसी यूनिट के प्रमुख एडी कोपलैंड 65 वर्षीय बुर्जुगों की तरफ इशारा करते हुए कहते हैं. "यहां एक वास्तविक समस्या है. साधारण चीजें जैसे स्काइप का इस्तेमाल करना या फिर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना यह जानने के लिए कि उनके स्थानीय समुदाय में क्या हो रहा है. यह विशेष पीढ़ी के लिए लाभदायक हो सकता है."
न्यूकासल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर थॉमस किर्कवुड कहते हैं, "बूढ़े लोग अपनी जिंदगी भर बहुतेरे कौशल सीखते हैं और उसे संजो कर रखते हैं लेकिन वह इंटरनेट से नहीं जुड़ा होता है. ऐसे में कुछ ट्रेनिंग की जरूरत है. लेकिन मूलरूप से यह निवेश और क्षमता की तुलना में दृष्टिकोण की ज्यादा समस्या है." हालांकि किर्कवुड ये भी कहते हैं कि परिवार के बूढ़े सदस्यों को लैपटॉप या फिर आईपैड दे देना अकेलेपन को दूर करने की समस्या के अंतिम समाधान के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
रिपोर्ट: आन्या कुपर्स/एए
संपादन: आभा मोंढे
अकेलेपन के शिकार
थिंक टैंक पॉलिसी एक्सचेंज का मानना है कि ऑनलाइन होने से बुजुर्गों का सामाजिक जीवन सुधर सकता है. थिंक टैंक ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिससे पता चलता है यूके में आठ लाख बुजुर्गों को महीने में एक या उससे कम बार परिवार मिलने आता है. थिंक टैंक का सुझाव है कि इंटरनेट और सरल ऑनलाइन पहुंच अकेलेपन की भावना को कम करने का एक समाधान हो सकता है. पॉलिसी एक्सचेंज में टेक्नोलॉजी पॉलिसी यूनिट के प्रमुख एडी कोपलैंड 65 वर्षीय बुर्जुगों की तरफ इशारा करते हुए कहते हैं. "यहां एक वास्तविक समस्या है. साधारण चीजें जैसे स्काइप का इस्तेमाल करना या फिर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना यह जानने के लिए कि उनके स्थानीय समुदाय में क्या हो रहा है. यह विशेष पीढ़ी के लिए लाभदायक हो सकता है."
न्यूकासल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर थॉमस किर्कवुड कहते हैं, "बूढ़े लोग अपनी जिंदगी भर बहुतेरे कौशल सीखते हैं और उसे संजो कर रखते हैं लेकिन वह इंटरनेट से नहीं जुड़ा होता है. ऐसे में कुछ ट्रेनिंग की जरूरत है. लेकिन मूलरूप से यह निवेश और क्षमता की तुलना में दृष्टिकोण की ज्यादा समस्या है." हालांकि किर्कवुड ये भी कहते हैं कि परिवार के बूढ़े सदस्यों को लैपटॉप या फिर आईपैड दे देना अकेलेपन को दूर करने की समस्या के अंतिम समाधान के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
रिपोर्ट: आन्या कुपर्स/एए
संपादन: आभा मोंढे
- तारीख 07.07.2014
- रिपोर्ट Bleiker, Carla Christina
- कीवर्ड इंटरनेट, बुजुर्ग, उम्र, समय
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