गुरुवार, 24 जुलाई 2014

पुतिन पर बढ़ता संकट (दबाव)



प्रस्तुति- अखौरी प्रमोद, धीरेन्द्र चौबे

यूक्रेन में मलेशिया के नागरिक विमान को गिराए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस घटना को लेकर गुस्सा बढ़ता जा रहा है. बढ़ते दबाव के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उनसे जो बन पड़ेगा, वे करेंगे.
क्रेमलिन द्वारा सोमवार सुबह जारी एक वीडियो में राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन की स्थिति को संभालने की बात कर रहे हैं. पुतिन ने कहा, "रूस हर मुमकिन कोशिश करेगा जिससे पूर्वी यूक्रेन मौजूदा सैन्य परिस्थिति से निकल कर शांतिपूर्ण और कूटनीतिज्ञ जरियों से समझौते की स्थिति में पहुंच सके." पुतिन पर पश्चिमी देशों की ओर से दबाव बढ़ रहा है. उनसे मांग की जा रही है कि वे पूर्वी यूक्रेन में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें और विद्रोहियों से बात करें.
मलेशियाई विमान के हादसे में मारे गए सभी 298 लोगों के शव विद्रोहियों के ही इलाके में हैं. यूक्रेनी प्रधानमंत्री आर्सेनी यात्सेन्युक ने कहा है कि राहतकर्मियों ने 250 लाशें बरामद की हैं और उन्हें नीदरलैंड को भेजा जा सकता है, लेकिन वे विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इलाके में है. पुतिन से उम्मीद की जा रही है कि वे विद्रोहियों से शवों को छुड़वाएं और अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं को यूक्रेन में जाने की अनुमति दिलवाएं.
पुतिन ने माना है कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संस्था (आईसीएओ) के जांचकर्ताओं का घटनास्थल पर जाना जरूरी है. हालांकि उन्होंने अपनी योजनाओं को ले कर साफ साफ कुछ भी नहीं बताया, लेकिन मामले में जांच करवाने का विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा, "उनकी (जांचकर्मियों की) सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए और उनके मानवतावादी काम को पूरा करने के लिए हर मुमकिन कदम उठाना होगा."
MH17 Waggons Separatisten 21.07.2014 विमान हादसे में मारे गए लोगों के शवों से भरी ट्रेन
रूस की सफाई
कीव का आरोप है कि मलेशियाई विमान को उसी मिसाइल से उड़ाया गया जो रूस ने पूर्वी यूक्रेन में विद्रोहियों को मुहैया कराई थी. साथ ही वॉशिंगटन ने भी मॉस्को की ओर ही उंगली उठाई है. वहीं रूस का कहना है कि अगर कीव ने विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य अभियान न छेड़ा होता तो विमान हादसा नहीं हुआ होता.
कीव ने हाल ही में एयर ट्रैफिक कंट्रोल द्वारा रिकॉर्ड हुई विद्रोहियों की बातचीत के ट्रांस्क्रिप्ट जारी किए हैं. अमेरिकी दूतावास ने इनकी विश्वसनीयता की पुष्टि की है. अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा है कि यूक्रेन की खुफिया एजेंसी के पास तस्वीरें और अन्य सबूत मौजूद हैं जिनसे पता चलता है कि विमान हादसे के बारह घंटे के अंदर बक एम-1 मिसाइल को विद्रोहियों के क्षेत्र से रूस भेजा गया.
इसके विपरीत रूस में उच्च अधिकारियों का कहना है कि कीव ने खुद यह हमला करवाया है ताकि रूस की छवि खराब की जा सके. इस बीच यूरोप के मुख्य देशों जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की बात कही है.
आईबी/एमजे (एएफपी,रॉयटर्स)

संबंधित सामग्री

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें