सोमवार, 29 फ़रवरी 2016

दिल्ली से करीबी का अभिशाप झेल रहा है मेवात


 

 

रेल बजट से मेवात के लोग निराशा

प्रस्तुति- कृति शऱण
रेल बजट से मेवात के लोगों को निराशा लगी हाथ, सांसद से नाराज हैं लोग
प्रभु! से गुड़गांव को कुछ नहीं मिला

रेल बजट मेंफिर से हाथ मलते रह गए गुड़गांववासी, उद्योग जगत मायूस, मेवाती फिर उपेक्षित

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को लोकसभा में साल 2016-17 का रेल बजट पेश किया। एक ओर जहां रेल किराए में बढ़ोतरी नहीं होने से लोग खुश हैं, वहीं गुड़गांव और मेवात को कुछ नहीं मिलने से लोग मायूस हैं। गुड़गांव स्टेशन को मॉडल स्टेशन बनाने की योजना भी ठंडे बस्ते में है, ऊपर से रेलवे लाइन विद्युतीकरण के बजट का प्रावधान नहीं हुआ है। बाहरी प्रदेश के लोगों को फिर निराशा हाथ लगी है। मेवातियों का रेल दर्शन फिर सपना ही रह गया। बजट पर उद्योग जगत की मिली-जुली प्रतिक्रिया है।

^दूसरी तरफ गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट वीपी बजाज का कहना है कि रेलमंत्री द्वारा माल भाड़े में किसी प्रकार की कोई वृद्धि नहीं करने, रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए विभिन्न सेवाओं एसएमएस द्वारा कोच की सफाई, वरिष्ठ नागरिकों के लिए नीचे की बर्थ के लिए 50 प्रतिशत का कोटा, रिजर्वेशन में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत का आरक्षण का कोटा, 400 रेलवे स्टेशनों पर वाईफाई सुविधा तथा यात्रियों को बेहतर सुरक्षा उपलब्ध कराने की बात सभी के हित में है।

^गुड़गांव की 90 हजार करोड़ रुपए का वार्षिक कारोबार करने वाली इंडस्ट्री को रेल मंत्री सुरेश प्रभु से बहुत अपेक्षाएं थीं। गुड़गांव में छोटी-बड़ी 15 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं, जिसके लिए रेल बजट काफी अहमियत रखता है, लेकिन इसमें किसी भी प्रकार की नई घोषणा नहीं होने और उद्योगों को कोई विशेष सुविधा नहीं मिलने पर एनसीआर चेंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन एचपी यादव ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पूरी अर्थव्यवस्था गुड़गांव पर निर्भर है। यहां के उद्योगों में पूरे देश के लोगों को रोजगार मिला है। इसके बावजूद रेल सर्विस में गुड़गांव की हर बार उपेक्षा होती है। चेंबर काफी समय से मेवात तक के लिए रेल सुविधा का विस्तार और गुड़गांव से मानेसर रेवाड़ी तक मेट्रो रेल की मांग करता रहा है, लेकिन रेल बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई। इससे दक्षिणी हरियाणा के वाणिज्य एवं उद्योगों में निराशा है। साथ ही दिल्ली से कोंडली तक मेट्रो रेल पानीपत तक रेपिड मेट्रो के निर्माण संबंधी घोषणा की भी आशा थी, लेकिन बजट में कुछ नहीं मिला।

पटेल विकास मंच के संयोजक राजेश पटेल का कहना है कि यात्री किराया नहीं बढ़ाने से यात्रियों को राहत मिली है, मगर गुड़गांव में रहने वाले बाहर के लोगों की मांग नहीं मानी गई, इसका दुख है। पूर्वांचल समाज के लोगों ने रेल मंत्री को ज्ञापन सौंपकर आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन की तर्ज पर ही गुड़गांव स्टेशन से भी दूर की ट्रेनें चलाने की मांग की थी। मंच ने बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल जाने वाली लंबी रूट की कम से कम दो ट्रेनों का स्टॉपेज गुड़गांव में करने की मांग की थी। मगर, इस दिशा में एक बार फिर मायूसी हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि गुड़गांव में पूर्वांचल के पांच लाख से अधिक लोग रहते हैं।

मारुती उद्योग कामगार यूनियन के महासचिव कुलदीप जाघूं ने कहा कि गुड़गांव, खेड़की दौला, मानेसर, बिनौला, सिन्धरावली, धारूहेड़ा, बावल औद्योगिक क्षेत्रों में हजारों उद्योग हैं। इनमें हर प्रांत के लाखों लोग काम करते हैं। आईएमटी मानेसर में हजारों कर्मचारी सीधे दिल्ली से आते हैं और गढ़ी हरसरु रेलवे स्टेशन मानेसर आईएमटी से नजदीक पड़ता है। यहां पर सभी रेलगाडिय़ों का ठहराव नहीं है।

^राजेंद्रा पार्क निवासी रूपा पटेल का कहना है कि अपने प्रदेश की ट्रेन पकड़ने के लिए उन्हें आनंद विहार टर्मिनल तक मेट्रो ट्रेन और बसों में धक्के खाने पड़ते हैं। बच्चों को बहुत परेशानी होती है। इसमें कम से कम चार घंटे बर्बाद होते हैं। कई बार देरी होने पर ट्रेन छूट भी जाती है। लंबी दूरी की ट्रेनों की शुरुआती और अंतिम स्टॉप गुड़गांव किया जा सकता है। मगर, सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं है।

^लियाकत हवननगर ने कहा किकिसी सरकार ने मेवात के लोगो की रेल मांग पूरी नहीं की। हाजी हक्की त्रिवाड़ा ने रेल बजट पर निराशा जताते हुए कहा कि मेवात मात्र 40 किलोमीटर दूरी पर गुड़गांव हैं। वहां हर सुविधा है। मेवात को पिछड़ेपन से दूर करने को रेल से जोड़ना बहुत आवश्यक हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान भी स्थानीय सांसद वर्तमान मंत्री राव इंद्रजीत सिंह रेल को लेकर लोगों को झूठे आश्वासन देते रहे हैं।

^शिक्षा विदसौराब खां ने कहा किसरकार किसी की भी हो, मेवात के लोगों से हमेशा झूठ बोला जाता रहा है। रेल लाइन मेवातवासियों की पुरानी मांग है। भाजपा सरकार को इस बजट अवश्य मेवात के लिए रेल लाइन देना चाहिए था।

^क्षेत्रीय निवासीदीन मोहम्मद ने कहा किरेल बजट को मेवात विरोधी है। उन्होंने कहा कि कि राजनैतिक पार्टियां जानबूझ कर रेल से नहीं जोड़ना चाहती। सिर्फ रेल लाईन की मांग पर 60 सालों से राजनीति करती रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की प्रदेश केन्द्र में सरकार है। इसलिए इस बजट में रेल लाइन की मांग पूरी होने की उम्मीद ज्यादा लगी हुई थी।

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