नाम: | नानी का मंदिर |
---|---|
निर्माण काल : | अति प्राचीन |
देवता: | हिंगलाज माता |
वास्तुकला: | |
स्थान: | मकरान तटीय क्षेत्र, लसबेला जिला कराची से ६० कि.मी दूर बलूचिस्तान, पाकिस्तान |
निर्देशांक: | 23°55′26″N 72°23′19″E |
जालस्थल | www.hinglajmata.com |
अनुक्रम
इतिहास
एक लोक गाथानुसार चारणों की प्रथम कुलदेवी हिंगलाज थी, जिसका निवास स्थान पाकिस्तान के बलुचिस्थान प्रान्त में था। हिंगलाज नाम के अतिरिक्त हिंगलाज देवी का चरित्र या इसका इतिहास अभी तक अप्राप्य है। हिंगलाज देवी से सम्बन्धित छंद गीत चिरजाए अवश्य मिलती है। प्रसिद्ध है कि सातो द्वीपों में सब शक्तियां रात्रि में रास रचाती है और प्रात:काल सब शक्तियां भगवती हिंगलाज के गिर में आ जाती है-- सातो द्वीप शक्ति सब रात को रचात रास।
- प्रात:आप तिहु मात हिंगलाज गिर में॥
- आसोज मास उज्जवल पक्ष सातम शुक्रवार।
- चौदह सौ चम्मालवे करणी लियो अवतार॥
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें