प्रस्तुति- स्वामी शरण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक ऐसा अनूठा गांव है जहां ज्यादातर बच्चे जुड़वा पैदा होते हैं। करीब ढाई सौ घर वाले इस गांव के लोगों का कहना है कि पिछले 50 साल में 108 जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया। धूमनगंज क्षेत्र का उमरी गांव अपनी इसी खासियत की वजह से देश विदेश में सुर्खियों में है। गांव के एक जुड़वा गुड्डू का कहना है कि अब तो उसके गांव में जानवरों के भी जुडवा बच्चे पैदा होने लगे हैं।
गुड्डू ने बताया कि उसके गांव की इस खूबी की वैज्ञानिक जांच के लिए हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई तक के विशेषज्ञ आ चुके हैं लेकिन किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले वह यह मानने के लिए विवश हो जाते हैं कि यह ऊपर वाले की कृपा है। गुड्डू ने बताया कि खून के नमूनों आदि से अब तक हुई वैज्ञानिकों की जांच बेनतीजा रही है। वैज्ञानिक इसे कुदरत का हैरतअंगेज करिश्मा मानते हैं। करीब 35 साल के गुड्डू का कहना है कि उनके बाबा के अनुसार 80 साल पहले पूरा का पूरा गांव ही जुड़वा था।
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पप्पू ने बताया कि कई बार उनकी पत्नियां पहचानने में धोखा खा जाती हैं। पप्पू का कहना है कि वह गुड्डू से दस मिनट छोटा है इसलिए वह अक्सर भाभी को पहचान को लेकर तंग किया करता है लेकिन गुड्डू उससे बडे़ हैं इसलिए वह उसकी पत्नी को परेशान नहीं करते।
गांव के एक अन्य जुड़वा आसिफ ने बताया कि कई बार हमशक्ल होने की वजह से उसका भाई या भाई की जगह पर पिता से वह मार खा जाता था। कई बार तो उसकी मां ने पिता को बताया कि शरारत करने वाला आसिफ नहीं उसका जुड़वा कासिम है। उसका कहना है कि मां उन्हें पहचानने में गलती नहीं करती।
आसिफ ने बताया कि यह खूबी केवल उसके गांव की ही है। आसपास के गांव में ऐसा नहीं होता। उसके गांव की इसी खूबी की वजह से ईरान, अमरीका, जर्मनी तथा कुछ अन्य देशों के पत्रकार भी आ चुके है।
उसके गांव का नाम ग्रीनिज बुक में दर्ज होने वाला है। उसका कहना है कि हाल ही में दो गायों ने भी जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है। आमतौर पर गाय एक ही बच्चे को जन्म देती हैं।
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