मंगलवार, 16 फ़रवरी 2016

जिंदगी एक नाटक है




मित्रो, छोटी सी कविता
जिंदगी मेरे कान में
धीमे से बुदबुदायी
बरखुरदार,
सिखाती नहीं किताब,
सिखाते हैं , हालात ।
 


 कमलेश भारतीय ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें