बुधवार, 10 अगस्त 2022

मुहावरों ,लोकोक्तियों, गीतों में धन

 

मुहावरों ,लोकोक्तियों, गीतों में धन/ संजीव

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०१. टके के तीन

०२. कौड़ी के मोल

०३. दौलत के दीवाने

०४. लछमी सी बहू

०५. गृहलक्ष्मी

०६. नौ नगद न तरह उधार

०७. कौड़ी-कौड़ी को मोहताज

०८. बाप भला न भैया, सबसे भला रुपैया

०९. घर में नईंयाँ दाने, अम्मा चली भुनाने

१०. पुरुष पुरातन की वधु, क्यों न चंचला होय?

११. एक चवन्नी चाँदी की, जय बोलो महात्मा गाँधी की

गीत

०१. आमदनी अठन्नी अउ; खर्चा रुपैया

तो भैया ना पूछो, ना पूछो हाल, नतीजा ठनठन गोपाल

०२. पांच रुपैया, बारा आना, मारेगा भैया ना ना ना ना -चलती का नाम गाड़ी

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