रविवार, 7 अगस्त 2022

भोजन ना करने की सलाह


प्रस्तुति - रेणु दत्ता /आशा सिन्हा 

#भोजन के #प्रकार .....


#भीष्म_पितामह ने #अर्जुन को ४ प्रकार से भोजन न करने के लिए बताया था ...!


 १ ;- #पहला भोजन ....

जिस भोजन की थाली को कोई लांघ कर गया हो वह भोजन की थाली नाले में पड़े कीचड़ के समान होती है ...!


२ :-#दूसरा भोजन ....

जिस भोजन की थाली में ठोकर लग गई,पाव लग गया वह भोजन की थाली भिष्टा के समान होता है ....!


३ :- #तीसरे प्रकार का भोजन ....


जिस भोजन की थाली में बाल पड़ा हो, केश पड़ा हो वह दरिद्रता के समान होता है ....!


४ :-#चौथे नंबर का भोजन ....

अगर पति और पत्नी एक ही थाली में भोजन कर रहे हो तो वह मदिरा के तुल्य होता है .....

और सुनो अर्जुन अगर पत्नी,पति के भोजन करने के बाद थाली में भोजन करती है उसी थाली में भोजन करती है या पति का बचा हुआ खाती है तो उसे चारों धाम के पुण्य का फल प्राप्त होता है ...


चारों धाम के प्रसाद के तुल्य वह भोजन हो जाता है ....!

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