टीएमयू की प्रो. पूनम ने इटली की कांफ्रेन्स में प्रस्तुत किया महत्वपूर्ण शोध पत्र
तीर्थंकर महावीर हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर में आईवीएफ सेन्टर की एचओडी प्रो. पूनम सिंह ने कहा, मेडिकल में ऑवेरियन रिजोविनेशन टेक्नोलाॅजी ने बांझपन सरीखे अभिशाप को समाप्त कर सा दिया है । यह मेडिकल क्षेत्र में वूमेन्स के लिए बड़ी क्रान्ति है। इस तकनीक के जरिए निःसंतान महिलाओें में एक नई आशा की किरण जगी है। इस इलाज की मार्फत बांझ वूमेन्स के एगस बनने लगे हैं। ऐसे में अब महिलाओं को एगस डोनर्स की कोई दरकार नहीं है। प्रो. पूनम बोलीं, इस इलाज में इन्जेशन के जरिए न केवल एगस बनने लगते हैं बल्कि अंडों में बढ़ोतरी भी संभव है। यदि किसी महिला की खराब ऑवरी है तो उसको दुरुस्त किया जा सकता है। सुखद बात यह है, इस ट्रीटमेंन्ट से आज तक किसी मरीज़ को कोई फिजिकल नुकसान नहीं हुआ है।
यूरोपियन सोसायटी ऑफ हयूमन रिप्रोडक्शन एण्ड एमरियोलाॅजी-2022 की ओर से इटली के मिलान शहर में आयोजित तीन दिनी इंटरनेशनल कांफ्रेन्स में प्रो. सिंह वुर्चअली भाग ले रही थीं। इस कांफ्रेन्स में दुनिया के 250 आईवीएफ विशेषज्ञों ने अपने रिसर्च पेपर्स ब्लेंडेड मोड में प्रस्तुत किए, जबकि 12 हज़ार विशेषज्ञ इस कांफ्रेन्स से जुडे़ रहे। उल्लेखनीय है, प्रो. सिंह 2019 से आवेरियन रिजोविनेशन टेक्नोलाॅजी पर काम कर रही हैं।
तीर्थंकर महावीर हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर में आईवीएफ सेन्टर की एचओडी प्रो. पूनम सिंह को प्रसूति का 18 बरसों का लम्बा अनुभव है। वह जेनेवा में 2017 और डेनमार्क में 2021 में भी इससे पूर्व अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत कर चुकी हैं।
स्विटज़रलैंड, सिंगापुर, यूरोप, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, स्पेन, दुबई आदि देशों की यात्राएं कर चुकी हैं। एमबीबीएस, एमडी, एफआईसीएमसीएच, एफसीजीपी एवं तीर्थंकर महावीर मेडिकल काॅलेज एण्ड रिसर्च सेन्टर आईबीएफ यूनिट की हेड प्रो. पूनम सिंह की झोली में एक दर्जन से अधिक पुरस्कार हैं।
यूपी आईएमए की ओर से पांच बार बेस्ट लेडी डॉक्टर का अवार्ड मिल चुका है। इसके अलावा डाॅ. मंजुला मैमोरियल अवार्ड, डाॅ. कनक गोयल अवार्ड, मिशन पिंक अवार्ड भी डाॅ. पूनम की झोली में हैं। डाॅ. पूनम सिंह के एक दर्जन से अधिक नेशनल और इंटरनेशनल पब्लिकेशन्स भी हैं।
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