शनिवार, 6 अगस्त 2022

नवाब तफ़ज़्ज़ुल हसन ख़ान कि गुमनाम शहादत


1857 के स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतकारीयों की मदद करने के जुर्म में फ़ारुख़ाबाद रियासत के नवाब तफ़ज़्ज़ुल हसन ख़ान को मुल्क बदर कर दिया गया था.


1846 से 1858 तक फ़ारुख़ाबाद रियासत के नवाब रहे नवाब तफ़ज़्ज़ुल हसन ख़ान को अंग्रेज़ो ने जंग ए आज़ादी की पहली लड़ाई में क्रांतकारीयों की मदद करने के जुर्म में सज़ाए मौत दी थी, पर बाद में ये सज़ा घटा दी गई और उन्हे मुल्क बदर कर अदन भेज दिया गया जहां से वो मक्का गए और वहीं 19 फ़रवरी 1882 इंतक़ाल कर गए.. 

बहरहाल ऐसे गुमनाम लोगो को श्रधंजलि देने वाले आज बहुत कम है. मगर जिन्होने देश के लिए अपने जान की आहुति दे दी उनको अपना मक़सद प्यारा था ना की नाम और शोहरत.

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