रविवार, 4 अप्रैल 2021

सरकाती खरीद में करप्शन फ्री स्कीम

 *सीएम योगी ने सरकारी खरीद में होने वाले भ्रष्टाचार पर लगाया ब्रेक*

राजेश सिन्हा
लख़नऊ / सहारनपुर l 


*विभागीय खरीदारी में गुणवत्ता, पारदर्शिता, मितव्ययिता को दी गई तरजीह, विभागों ने चार साल में 9442 करोड़ रुपए से ज्यादा की खरीदारी की*


*देश में जेम पोर्टल से सरकारी खरीदारी में नंबर वन हुआ यूपी, प्रदेश में जेम पोर्टल से ही सरकारी विभाग कर सकते हैं खरीदारी*


*गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा समेत अन्य राज्यों को पछाड़ा*


*1,23,697 विक्रेताओं में 58,725 सूक्ष्म और लघु उद्यमी भी, सवा दो लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मिला रोजगार*


*चार अप्रैल, लखनऊ।* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में सरकारी खरीद में होने वाले करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार पर रोक लगा दी है। उन्होंने इस मामले में गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा समेत अन्य राज्यों को न सिर्फ पीछे छोड़ा है, बल्कि देश में सबसे ज्यादा जेम पोर्टल के माध्यम से सरकारी खरीदारी कर इतिहास रच दिया है। इसमें गुणवत्ता, पारदर्शिता, मितव्ययिता को तरजीह दी गई है। जिस कारण विभागों ने चार साल में 9442 करोड़ रुपए से ज्यादा की खरीदारी की है।

सीएम योगी ने सत्ता संभालने के बाद सभी विभागों में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आदेश दिया था। साथ ही उन्होंने जेम पोर्टल को प्रभावी रूप से क्रियाशील करने और विभागीय खरीदारी को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के निर्देश दिए थे। जेम पोर्टल से खरीदारी में उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर सिरमौर है। दूसरे नंबर पर गुजरात, तीसरे पर दिल्ली, चौथे पर मध्य प्रदेश, पांचवें पर महाराष्ट्र, छठे पर बिहार, सातवें पर छत्तीसगढ़, आठवें पर उड़ीसा, नौवें पर जम्मू एंड कश्मीर और दसवें नंबर पर आंध्र प्रदेश है। प्रदेश में जेम पोर्टल पर निजी क्षेत्र के 1,23,697 विक्रेता हैं, जिसमें 58,725 सूक्ष्म और लघु उद्यमी भी शामिल हैं। इनसे सवा दो लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिले हैं।


*दो बार केंद्र सरकार ने दिया अवार्ड*

विभिन्न विभागों ने प्रदेश में जेम पोर्टल से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 602 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1674 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2401 करोड़ रुपए की खरीदारी की, जो लगातार बढ़ते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 4675 करोड़ की खरीदारी की गई है। इस प्रकार चार साल में करीब 9442 करोड़ रुपए से ज्यादा की खरीदारी जेम पोर्टल से विभागों ने की है। केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2018 में बेस्ट बायर अवार्ड और 2019 में सुपर बायर अवार्ड से भी सम्मानित किया है।


*करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार पर लगी रोक: सहगल*

इस बारे में एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल कहते हैं कि जेम पोर्टल के माध्यम से करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार पर रोक लगी है। साथ ही विभागीय खरीदारी में गुणवत्ता, पारदर्शिता, मितव्ययिता को तरजीह दी जा रही है, जिस कारण आज पोर्टल पर 12,232 सरकारी खरीदार हैं और एक लाख 23 हजार 697 विक्रेता हैं, जिन्होंने चार साल में देश में सबसे ज्यादा 9442 करोड़ की खरीद की है। 


*क्या है जेम पोर्टल*

जेम पोर्टल एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां पर 70 हजार से ज्यादा विक्रेता पंजीकृत हैं। इन विक्रेताओं के हजारों उत्पाद भी निर्धारित दर और मानक के अनुसार उपलब्ध हैं। चूंकि सरकार की ओर से आदेश है कि जो उत्पाद या सेवाएं जेम पोर्टल पर उपलब्ध हैं, उनकी खरीदारी अनिवार्य रूप से जेम पोर्टल से ही की जाएगी।


*ये है प्रमुख राज्यों की स्थिति*

उत्तर प्रदेश 9442

गुजरात 4030

दिल्ली 3145 

मध्य प्रदेश 3084

महाराष्ट्र 2545

बिहार 1992

छत्तीसगढ़ 1992

उड़ीसा 1261

जम्मू एंड कश्मीर 1239

आंध्र प्रदेश 1129

पंजाब 1098

चंडीगढ़ 921

कर्नाटक 843

*(नोट- सभी आंकड़े करोड़ों में हैं और पिछले चार सालों पर आधारित हैं)*

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