शशिकला.... खुबसूरत और तुफानी मुसकराहट की मालकिन...!
शशिकला का जन्म ता.4.8.1932 के रोज सोलापुर में एक महाराष्ट़ियन फेमीली में हुआ था.. उनके पिता जी अनंत राव जावलकर कपडे़ के व्यापारी थे.. धनवान शिक्षीत और गौरवशाली फेमीली था... पर न जाने कया हुआ....! जावलकर फेमीली के बुरे दिन आये..! परिवार गरीब हो गया और बडे परिवार को निभाने का फर्ज शशिकला को अदा करना पडा...!
शशिकला के भाई को चार्टर एकाउंटेंट बनाने के लिए इंग्लैंड भेजा गया था.. आशा थी कि वह परिवार की देखभाल करेगा.... पर अफ़सोस..! वह वापिस आया ही नहीं... परिवार को गरीबी में छोड़ कर वह इंग्लैंड में ही सेटल हो गया!.
शशिकला को बचपन से ही अभीनय का शौक था.
शशिकला के पिताजी के एक मित्र ने शशिकला को फिल्मों में नशीब आजमाने की नशिहत दी..
और शशिकला और उनके पिताजी ने फिल्म स्टुडियो के चककर काटना शुरू किया..!.
एक बार उस समय की जानी मानी अभीनेत्री नूरजहां ने शशिकला को देखा और उसे फिल्म जीन्नत के लिए पसन्द करली...! इस तरह जीन्नत शशिकला की पहेली फिल्म थी.
शशिकला इस फिल्म में एक कव्वाली आहे न भरी शिकवे न किये कुछ भी न जुबां से काम लीया..मे परदे पर दिखाई दी.. मेरा खयाल हे.. शायद अभीनेत्री शयामा भी इसी फिल्म में इसी कव्वाली में परदे पर दिखाई दी थी...!
उसके बाद 1947 में नुरजहा दिलीप कुमार की फिल्म जुगनू आइ.. इस फिल्म में गायिका रोशन आरा बेगम का गाया हुआ देश की पुरफेंक दिलकश हवा ओ मे रंगी.. गीत शशिकला पर फिलमाया गया... उस वक्त शशिकला बेहद खुबसूरत लगती थी तो उस गीत मे शशिकला के बहोत सारे कलोज अप परदे पर दिखाये गये... फिल्म की हिरोइन नुरजहा से भी ज्यादा...!
उसके बाद 1950 मे दिलीप कुमार कामीनी कौशल की फिल्म आरजू में भी शशिकला कमला के रोल में दिखाई दी.
शशिकला बहोत ही प़तीभाशाली और खुबसूरत होते हुए भी उसे हिरोइन की भुमिकाए जयादा मिली नहीं.और जीस फिल्म में वह हिरोइन थी वह फिलमें फलोप हो गई..! 1953 में शम्मीकपुर के साथ शशिकला की एक फिल्म जिवन जयोती आइ थी.इस फिल्म में चांद उस्मानी और शशिकला हिरोइनें थी.शायद शम्मीकपुर की भी शुरूआत की फिल्म थी. फिल्म खास चली नहीं
शशिकला को हिरोइन के रोल न मिले तो उसने जो भी फिलमें मिले वह लेना शुरू कर दिया.. केरेक्टर रोल करने लगी.. घर जो चलाना था..! पैसे की बहोत जरूरत थी..!
1962 में ताराचंद बडजातया की फिल्म आरती आइ. अशोक कुमार मीना कुमारी और प़दिप कुमार भी थे इस फिल्म में.. एक मराठी नाटक पर आधारित थी इस फिल्म.शशिकला को फिल्म में झगडालू और कमिनी भाभी का रोल ओफर किया गया.. शशिकला के फेमीली वालों ने उस रोल को स्विकार लेने को दुराग्रह किया.. शशिकला ने रोल किया.. शशिकला के अभीनय की बहुत प़संसा हुइ.. फिल्म आरती के लिए शशिकला को सन 1962 का बेस्ट सपोर्टिंग एकट़ेश का फिल्म फेर एवोर्ड भी मिला था..!
फिर कया...! शशिकला को बहोत सारी फिलमें मिलने लगी.. जयादातर वेंप के रोल मिलते थे...! फिल्म फूल और पत्थर और अनुपमा के रोल के लिए नोमीनेशन मिला पर फिल्म फेर एवोर्ड न मिलने से निराश भी हुई.....! पर फिल्मों से पैसे मिलने से फेमीली को सेट कर शकी...
1970 के दशक का पूर्वांध शशिकला के जीवन का सबसे खराब समय रहा... फिल्मों में काम मिलना कम हो रहा था.. शशिकला व्यवसायीक और पारावारिक समस्याओं से दुखी हो गई...! वह ईगतपुर चली गई.. !
कइ साल योगासन और ध्यानासन में गुजारे.. मधर टेरेसा के साथ रहे कर दुखी लोगों की सेवा भी की. और मन की शांति पाइ.. शशिकला की एक बेटी केंसर ग़सित होकर परलोक सिधार ग इ.... लेकिन शशिकला ने अपने आप को संभाला...!
उसके बाद...
आठ साल के बाद शशिकला ने फिल्म और टीवी के छोटे परदे पर फिर से पुरनागमन किया...
कूछ टीवी सीरीयलो और महाराजा.. लहुके दो रंग.. सलमा पे दिल आ गया जैसी फिलमों में भी काम किया... सावन कुमार ने कहा था.. मीना कुमारी के लिये जो रोल लिखा था वह शशिकला ने अदा किया...!
शशिकला ने फिल्म आरती.. गुमराह.. हरियाली और रास्ता.. अनपढ़.. जंगली.. यह रास्ते हे प्यार के.. वक्त जैसी कई फिलमों में काम किया..
फिल्म पदमश्री लालू प्रसाद यादव में शायद शशिकला को आखिरी बार देखा था.
फिल्म वक्त 1965 की रानी साहेबा.. जिस के गले में से राजा(राजकुमार) हार चुराता हे.. और फिल्म फूल और पतथर का वह मशहूर गाना शिशे से पी या पैमाने से पी.. या मेरी आंखों के मैखाने से पी... वाले शशिकला के रोल आज भी नजर के सामने घुमते हे..!
और...!
फिल्म गुमराह की असली हिरोइन तो शशिकला ही थी..! कैसी हसीन लगती थी वोह..! Killer smile के साथ उंगली में चेइन हिलाते चलना.. फिल्म गुमराह में उनकी लाक्षणिक अदा थी..! फिल्म गुमराह में शशिकला का अभीनय जानदार था और उसके लिए शशिकला को सन 1964 में बेस्ट सपोर्टिंग एकट़ेस का फिल्म फेर एवोर्ड भी मिला था..!
शशिकला ने ओम प्रकाश सयगल से शादी की हे.
शशिकला मेरी फेवरिट अदाकारा हे.
आज तारीख 4.4.2021 के रोज बंबई मे शशीकला जी का देहांत हो गया...समाचार सुनकर बडा दुख हुआ. !!
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