सोमवार, 12 अप्रैल 2021

शेट्टी जिनकी आँखे बोलती हैं

 फ़िल्मी दुनिया का ऐसा चेहरा जिसकी सिर्फ ख़ामोशी पर्दे पर दहशत पैदा कर देती थी।


वो थे 'मुद्दु बाबू शेट्टी' उर्फ 'मुधू बलवंत शेट्टी' उर्फ 'एम बी शेट्टी'। जिन्हें हम सब 'शेट्टी' के नाम से जानते हैं। इनका जन्म १९३८ में मैंगलोर में हुआ था। इनकी पहली पत्नी का नाम विनोदिनी और दूसरी का नाम रत्ना था।


इनकी पढ़ाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी। जिस कारण इनके पिता ने इनको मुंबई भेज दिया, कि वहाँ कोई काम सीख कर रोजी रोटी कमा लेंगे। यहाँ आ कर कुछ समय इन्होंने वेटर का काम किया। इसके बाद इनकी दिलचस्पी बॉक्सिंग में हुई। जिसमें क़रीब ८ सालों तक जुड़े रहे और कई टूर्नामेंट जीते।


फिल्मों में इनकी शुरुआत फ़िल्म 'हीर' से हुई , जिसमे ये फाइट इंस्ट्रक्टर थे। वो वक्त जब फिल्मों में स्टंट पर काफी जोर दिया जाता था, लेकिन जितने जरूरी स्टंट होते थे उतने जरूरी ही विलेन भी..यानि अगर बिना विलेन के फिल्म और हीरो की कहानी अधूरी ही मानी जाती थी। उसी दौर में एक ऐसा एक्टर हुआ जिसने विलेन के किरदार निभाकर ऐसा कॉम्टीशन पैदा किया कि विलेन का रोल प्ले करने वाले बाकी एक्टर भी डर गए।


एम बी शेट्टी ७० के दशक में पॉपुलर विलेन रहे और आगे चलकर बॉलीवुड के मशहूर स्टंटमैन बने। एम बी शेट्टी ने अपने करियर की शुरुआत फाइट इंस्ट्रक्टर के तौर पर की। इसके बाद वो एक्शन डायरेक्टर बने और फिर एक्टर। एम बी शेट्टी ने १९५७ में एक्टिंग में अपने कदम रखे। उन्होंने 'द ग्रेट गैंबलर', 'त्रिशूल' 'डॉन', 'कसमें वादे' जैसी दर्जनों फिल्मों में अपनी एक्टिंग का जौहर दिखाया।


एक्टिंग के अलावा एम बी शेट्टी ने कई फिल्मों में स्टंट कॉर्डिनेटर, फाइट कंपोजर, स्टंट कपोजर और स्टंट मास्टर के तौर पर काम किया। इन फिल्मों में 'जब प्यार किसी से होता है , 'कश्मीर की कली', 'सीता और गीता', 'डॉन' और 'द ग्रेट गैंबलर' जैसी फिल्में शामिल हैं।


एम बी शेट्टी जैसा एक्टर और स्टंट मास्टर ना तो कभी हुआ और ना ही कभी होगा, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की। एम बी शेट्टी को एक्शन और स्टंट से इस कदर लगाव था कि वो अपने घर में चारों तरफ दुनिया के मशहूर विलेन की फोटो लगाए रहते, लेकिन एक हादसा ऐसा हुआ जिसने एम बी शेट्टी को सभी से दूर कर दिया। कहा जाता है कि अपने ही घर में फिसलकर गिर गए जिससे उन्हें काफी चोट लगी। एक तो पहले से ही स्टंट करने के दौरान उन्हें टांगों में काफी चोट लग चुकी थी। साथ ही वो शराब भी खूब पीते थे और इस सबका उन पर बुरा असर हुआ कि जब वो घर में फिसलकर गिरे तो उबर नहीं पाए और (२३ जनवरी १९८२) को इस दुनिया से विदा हो गए।


उनके बाद उनके घर के हालात काफी ख़राब हो गए। ऐसे में उनकी वाइफ रत्ना शेट्टी को आगे आना पड़ा और उन्होंने कुछ फिल्मों में अभिनय किया। 'अंत', 'यार-गद्दार' (१९९४) 'दरार'(१९९६), 'अफ़साना दिलवालों का'(२००१)


यहाँ आपको बताते चलें घर के हालात को देखते हुए एम बी शेट्टी और रत्ना शेट्टी के बेटे 'रोहित शेट्टी' ने १५ वर्ष की उम्र से फिल्मों में संघर्ष शुरू कर दिया। आज उनकी गिनती फ़िल्म जगत के सफलतम व मंहगे निर्देशकों में होती है।


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70 का दशक...वो वक्त जब फिल्मों में स्टंट पर काफी जोर दिया जाता था, लेकिन जितने जरूरी स्टंट होते थे उतने जरूरी ही विलेन भी..यानि अगर बिना विलेन के फिल्म और हीरो की कहानी अधूरी ही मानी जाती थी। उसी दौर में एक ऐसा एक्टर हुआ जिसने विलेन के किरदार निभाकर ऐसा कॉम्टीशन पैदा किया कि विलेन का रोल प्ले करने वाले बाकी एक्टर भी डर गए।

ये एक्टर थे एम बी शेट्टी जो 70 के दशक में पॉपुलर विलेन रहे और आगे चलकर बॉलीवुड के मशहूर स्टंटमैन बने। बता दें कि एम बी शेट्टी मशहूर डायरेक्टर रोहित शेट्टी के पिता हैं। एम बी शेट्टी ने अपने करियर की शुरुआत फाइट इंस्ट्रक्टर के तौर पर की। इसके बाद वो एक्शन डायरेक्टर बने और फिर एक्टर।

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