डोल साधो
अपने मन की आंखें खोल साधो,
यह जीवन बड़ा अनमोल साधो।
कोरोना से गर बचना है तो प्यारे,
घर से बाहर अभी मत डोल साधो।।**""
महेश बंसल
काया साधो
जब पड़ेगा दुष्ट कोरोना का साया साधो,
तब धरी रह जायेगी सब धन माया साधो।
पास तेरे अपने भी तो ना फटकेंगे प्यारे,
शवगृह में पड़ी मिले अकेली काया साधो।।****
महेश बंसल
कोरोना
जाते जाते सबको क्या क्या बता जायेगा कोरोना ,
जीने के पाठ भी सबको सिखा जायेगा कोरोना।
एहसान तेरा एक दिन मानेंगे ये सारी दुनिया वाले,
नहीं सुना था सदियों से वो दिखा जायेगा कोरोना।।****
महेश बंसल
बोल साधो
जीना है तो बेमतलब घर से बाहर मत डोल साधो,
मौत बनके कोरोना सबके सिरपे रहा है डोल साधो।
घर में रहके खैर मना तू अपनी भी और गैरों की भी,
ले नाम प्रभु का बंदे राधेश्याम सीताराम बोल साधो।।***
महेश बंसल
कबिरा गरब न कीजिए कोरोना गहे कर केस।
ऐसा दानव ना सुना जिसका रंग ना कोई भेस।।***
कबिरा गरब न कीजिए कोरोना गहे कर केस।
बच कर रहिए अब साधो क्या घर क्या परदेस।।
संहार साधो
सम्मुख पा रावण को लिया था राम अवतार साधो,
दुष्ट कंस के वध के लिए हुआ कृष्ण अवतार साधो।
हिरण्यकश्यप को मारने नृसिंह रूप धर कर आये,
अदृश्य दानव कोरोना का कौन करेगा संहार साधो।।***
महेश बंसल
बंटाढ़ार घणा
कोरोना न कर दिया सूबे म हाहाकार घणा,
बातां म शेर सारे ना कोई भी उपचार बणा।
मजदूर सारे भजा दिये विकास की बात करें,
सारे नेताओं ने मिल कर दिया बंटाढ़ार घणा।।
महेश बंसल
संहार प्रभो
सारी दुनिया में कोरोना से मचा है हाहाकार प्रभो,
बेबस मानवता कर रही त्राहिमाम की पुकार प्रभो।
नष्ट धरा को करने चीन ने रक्तबीज फिर जन्मा है,
अवतरित करो देवी दुर्गा को करने इसका संहार प्रभो।।***
महेश बंसल
ताले साधो
चलते चलते सबके ही पावों में पड़ गये छाले साधो,
धूप ताप से झुलसा है बदन रंग पड़ गये काले साधो।
बदनसीबी भी देखो गरीबों के हिस्से में आई है यारों,
कौन सुने पीर हमारी जुबां पर भी पड़ गये ताले साधो।।***
महेश बंसल
उपदेश साधो
कोरोना ने दुनिया को दिया है एक नया संदेश साधो,
फल मिला है जो बदला आचरण और परिवेश साधो।
भूल गये राम कृष्ण बुद्ध महावीर नानक की वाणी को,
तुलसी मीरा सूर कबीरा के भी याद करो उपदेश साधो।।****
महेश बंसल
लहूलुहान साधो
सच कह गये कि समय बड़ा बलवान साधो,
नन्हें कोरोना से हारा है सकल जहान साधो।
जिनका बजता था डंका सारी दुनिया में,
वे ही देश पड़े हैं धरा पर लहूलुहान साधो।।*****
2
उत्पात साधो
कोरोना ने मानव जाति पर किया भीषण आघात साधो,
देश में जन जन पर लगा हुआ है कठिन आपात साधो।
प्राणों को संकट में डाल सबकी जान बचा रहे हैं योद्धा,
निर्लज्ज नीच जमाती मचा रहे फिर कैसा उत्पात साधो।।****
3
नानी साधो
जीवन सबका जैसे हो गया बेमानी साधो,
छूटा बाहर जाना और खाना पानी साधो।
नौकरी छूटी घर बार, शादी ब्याह भी छूटे,
कोरोना ने याद करादी सबको नानी साधो।।***
4
जवानी साधो
दुष्ट कोरोना तो है एक दुश्मन जानी साधो,
इसका काटा तो नहीं मांगता है पानी साधो।
खुद को बचा लिया तो ही बच पाओगे यारों
नहीं देखता बचपन बुढ़ापा या जवानी साधो।।****
5
पोल साधो
कोरोना ने कर दी है सारी दुनिया डावांडोल साधो,
काल बली ने बजा के रख दी है सबकी ढ़ोल साधो।
जीना है यदि तो तप संयम नियम से जीना सीखो,
नाम बड़े दर्शन थोड़े,खुल गयी सबकी पोल साधो।।***
6
पास साधो
दुष्ट कोरोना ने कराया अपनी ताकत का एहसास साधो,
बड़ी बड़ी शक्तियों का डिगा दिया आत्म विश्वास साधो।
राकेट मिसाइलें परमाणु बम सब ही धरे रह जायेंगे प्यारे,
जीना है यदि तो आओ लौट कर चलें गांव के पास साधो।।***
7
सरेआम साधो
सब मिलकर बहकाते हैं मजहब के नाम साधो,
मूर्ख बनाते हैं अल्लाह यीशु प्रभु के नाम साधो।
पादरी,बाबा,मौलाना सब एक थैली के चट्टे-बट्टे,
भांति भांति के ढ़ोंग रचा कर लूटें सरे आम साधो।।
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