रविवार, 19 जुलाई 2020

त्रयंबकेश्वर मंदिर का रहस्य



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एक प्राचीन हिंदू मंदिर है जो भारत में नासिक शहर से 28 किलोमीटर और नासिक रोड से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर त्रयम्बकेश्वर तहसील के त्रंबक शहर में बना हुआ है। यह मंदिर भगवान शिव के उन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जिन्हें भारत में सबसे पवित्र और वास्तविक माना जाता है। त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग की सबसे अद्भुत और असाधारण बात तो यह है कि इसके तीन मुख(सर) हैं। एक भगवान ब्रहमा, एक भगवान विष्णु, और एक भगवान रुद्र।

इस लिंग के चारों ओर एक रत्नजडित मुकुट रखा गया है जिसे त्रिदेव के मुखोटे के रुप में रखा गया है। कहा जाता है कि यह मुकुट पांडवों के समय से यहीं पर है। इस मुकुट में हीरा, पन्ना और कई बेशकीमती रत्न जुड़े हुए हैं।
त्रयम्बकेश्वर मंदिर में इसको सिर्फ सोमवार के दिन 4 से 5 बजे तक दिखाया जाता है। यह मंदिर ब्रह्मगिरी पर्वत के तलहटी में स्थित है।

गोदावरी नदी के किनारे बने त्र्यंबकेश्वर मंदिर का निर्माण काले पत्थरों से किया गया है। इस मंदिर की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत और अनोखी है। इस मंदिर के पंचकोशी में कालसर्प शांती त्रिपिंडी विधि और नारायण नागबली आदि पूजा कराई जाती है। जिन का आयोजन भक्तगण अलग-अलग मनोकामना को पूर्ण करने के लिए करवाते हैं।
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