शुक्रवार, 24 जुलाई 2020

महाभारत युद्ध


महाभारत में इस्तेमाल हुए सबसे खतरनाक हथियार

शायद ही कोई महाभारत की लड़ाई से अनजान होगा, ऐसा कोई नहीं जिसने इसके बारे में न सुना हो! इसे भारत की सबसे बड़ी लड़ाई माना जाता है.
इस जंग का विवरण बहुत ही बारीकी से किया गया है. उससे ही पता चलता है कि उस समय किन हथियारों से यह युद्ध लड़ा गया था.
तो चलिए आज आपको बताते हैं, महाभारत में कौन से खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था –
सुदर्शन चक्र
प्राचीन कथाओं के अनुसार सुदर्शन चक्र को ब्रहमांड के सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक कहा जाता है. यह भगवान विष्णु की तर्जनी अंगुली में रहता है.
कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने इस सुदर्शन चक्र को पाने के लिए हजारों साल तक कठोर तपस्या की थी. उनकी इस तपस्या पर भगवान शिव की नजर पड़ी और उन्होंने भगवन विष्णु को कुछ भी मांगने के लिए कहा.
इसके बाद भगवान विष्णु ने भगवान शिव से एक ऐसा शक्तिशाली हथियार मांगा, जिससे सभी असुर मारे जा सकते हों. तब जाकर उन्हें भगवान शिव ने सुदर्शन चक्र प्रदान किया.
कहते हैं कि सुदर्शन चक्र को जो भी लक्ष्य दिया जाता था, वह बिना उसको खत्म करे वापस नहीं आता था. महाभारत में श्री कृष्ण के पास यह सुदर्शन चक्र था.
त्रिशूल
त्रिशूल को हिन्दू धर्म में एक आस्था पर प्रतीक माना जाता है. हिंदू धर्म के अनुसार ये भगवान शिव का अनन्य और बेहद खतरनाक हथियार है. भगवान शिव कहीं भी जातें है, अपने साथ त्रिशूल को जरूर रखते हैं.
माना जाता है कि इस हथियार का प्रयोग महाभारत और रामायण काल में दोनों में किया गया था. वहीं इसी हथियार से भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश का सर भूलवश धड़ से अलग कर दिया था. भाले की तरह दिखने वाले इस त्रिशूल में आगे की ओर तीन तेजधार चाकू लगे होते हैं.
पाशुपतास्त्र
त्रिशूल की तरह पाशुपतास्त्र भी भगवान शिव का ही अस्त्र है. यह हथियार अविश्वसनीय रूप से बहुत विनाशकारी माना जाता है. कहा जाता है कि यह इतना घातक है कि पूरी सृष्टि को नष्ट करने की सक्षम रखता है.
यह दिखने में एक तीर की तरह है, जिसको चलाने के लिए एक धनुष का प्रयोग किया जाता है.
भगवान शिव ने पाशुपतास्त्र को महाभारत के नायक अर्जुन को दिया था. वह बात और है कि अर्जुन ने इस हथियार का दुरुपयोग महाभारत के युद्ध में नहीं किया.
असल में अगर वह इस हथियार का प्रयोग कर देते, तो पूरी दुनिया नष्ट हो सकती थी.
ब्रह्मास्त्र
ब्रह्मास्त्र,

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