किसी नदी के तट पर एक वन था। उस वन में एक बंदर निवास करता था, जो वन के फल आदि खा कर अपना निर्वाह करता था। नदी में एक टापू भी था और टापू और तट के बीच में एक बड़ी सी चट्टान भी थी। जब कभी बंदर को टापू के फल खाने की इच्छा होती वह उस चट्टान पर उस टापू पर पहुँच जाता और जी भर अपने मनचाहे फलों का आनंद उठाता।
उसी नदी में घड़ियालों की एक जोड़ी भी रहती थी। जब भी वह उस हृष्ट-पुष्ट बंदर को मीठे-रसीले फलों का आनंद उठाते देखती तो उसके मन में उस बंदर के हृदय को खाने की तीव्र इच्छा उठती। एक दिन उसने नर घड़ियाल से कहा, "प्रिय ! अगर तुम मुझसे प्रेम करते हो तो मुझे उसका हृदय खिला कर दिखा दो,"... Continue to click 👇🏻👇🏻
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