उपेन्द्रनाथ अश्क
@@ आज हिंदी के प्रसिद्ध कवि उपेन्द्रनाथ अश्क की पुण्य तिथि पर उनको शत् शत् नमन @@
जन्म -14 दिसम्बर, 1910
जन्म भूमि- जालंधर, पंजाब
मृत्यु -19 जनवरी, 1996
अभिभावक - पण्डित माधोराम
पत्नी -कौशल्या अश्क
भाषा:- हिन्दी
काल:- आधुनिक काल (समष्टि चेतना प्रधान काव्य के कवि)
विधा:- गद्य और पद्य
विषय:- कविता, कहानी, उपन्यास
#रचनाएं:-
#काव्य :-
विदा (1917, प्रथम कविता)
एक दिन आकाश ने कहा,
प्रातःदीप,
दीप जलेगा,
बरगद की बेटी,
उर्म्मियाँ,
रिजपर
अजगर और चाँदनी
#उपन्यास :-
सितारों का खेल,1937 (पहला उपन्यास)
गिरती दीवारें, 1947
गर्म राख,1952
बड़ी-बड़ी आँखे,1954
पत्थर-अल-पत्थर-1957
शहर में घूमता आईना, 1963
बाँधों न नाव इस ठाँव,1964
एक नन्ही किंदील,1969
#कहानी संग्रह :-
सत्तर श्रेष्ठ कहानियां,
जुदाई की शाम के गीत,
काले साहब,
पिंजरा,
#कहानियां:-
निशानियाँ
दो धारा
मुक्त
देशभक्त
कांगड़ा का तेली
डाची
आकाशचारी
टेबुल लैंड
#नाटक:-
जय-पराजय,1937
छठा बेटा,1940
कैद,1945
उड़ान,1946 (मुक्त हवा में सांस लेती नारी का चित्रण)
भंवर,1950
पैंतरे,1952
अंजो दीदी,1954 (मशीनीकरण/यंत्रीकरण के कारण टुटते परिवार का हृदयस्पर्शी चित्रण)
अंधी गली-1954
अलग-अलग रास्ते,1954
लौटता हुआ दिन,
बड़े खिलाडी,
स्वर्ग की झलक,
सूखी डाली
तौलिए
#एकांकी संग्रह :- इनके द्वारा रचित एकांकियों को निम्न तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है:-
(1) सामाजिक व्यंग्यात्मक एकांकी-
पापी ,1937
लक्ष्मी का स्वागत ,1938
मोहब्बत ,1938
क्रॉसवर्ड पहेली ,1939
अधिकार का रक्षक ,1938
आपस का समझोता 1939
स्वर्ग की झलक 1939
विवाह के दिन 1939
जोंक,1939
(2) सांकेतिक एवं प्रतीकात्मक एकांकी:-
चरवाहे 1942
चिलमन 1942
खिड़की 1942
चुंबक 1942
मैमुना 1942
देवताओं की छाया में 1940
चमत्कार 1943
सुखी डाली 1943
अंधी गली 1954
साहब को जुकाम है
पक्का गाना
(3)मनोवैज्ञानिक एकांकी/प्रहसन:-
आदिमार्ग 1947
अंजो दीदी 1954
भंवर 1950
कैसा साब कैसी आया
पर्दा उठाओ-पर्दा गिराओ 1951
बतसिया 1952
सयाना मालिक 1952
जीवनसाथी 1952
#एकांकी संग्रह:-
छह एकांकी
पच्चीस श्रेष्ठ एकांकी
#आत्मकथा:-
पाँचवा खंड
चेहरे अनेक
#संस्मरण:-
रेखाएँ और चित्र,1955
मण्टो मेरा दुश्मन,1956 (निबंध)
ज्यादा अपनी कम परायी,1959
उर्दू के बेहतरीन संस्मरण,1962 (संपादन)
फिल्मी जीवन की झलकियाँ
#आलोचना:-
अन्वेषण की सहयात्रा,
हिन्दी कहानी: एक अन्तरंग परिचय
#विशेष:-
-प्रेमचंद जी की तरह इन्होंने भी प्रारंभ में 'उर्दू' में लेखन कार्य किया था|
-इन्होंने 'भूचाल' नामक साप्ताहिक पत्र का संपादन किया था|
-कुछ दिनों तक इन्होने ऑल इंडिया रेडियो और फिल्म जगत् में भी काम किया था|
- बच्चन सिंह के अनुसार अश्क हिंदी के पहले नाटककार हैं, जिनका ध्यान रंगमंच की ओर गया|
- नगेंद्र के अनुसार यह पहले ऐसे नाटककार हैं जिन्होंने हिंदी नाटक को रोमांस के कटघरे से निकालकर आधुनिक भाव बोध के साथ जोड़ा|
- उर्दू के सफल लेखक उपेन्द्रनाथ 'अश्क' ने मुंशी प्रेमचंद की सलाह पर हिन्दी में लिखना आरम्भ किया। 1933 में प्रकाशित उनके दूसरे कहानी संग्रह 'औरत की फितरत' की भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने ही लिखी थी।
नोट:- संकलन में कोई त्रुटि हो तो जरूर बताएं|
. साभार......
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