मैंने हिन्दी बालसाहित्य में हुए और हो रहे शोध पर शोध करते हुए लिखा था कि शोध प्रबंधों की संख्या 200 को स्पर्श कर रही है, परंतु आज तो यह संख्या उसको भी पार कर गई। फिलहाल, विभिन्न विश्वविद्यालयों में हो रहे शोध कार्यों को जोड़कर यह संख्या आज तक के मेरे रिकॉर्ड में 226 पहुँच गई है। कई शोधकर्ताओं ने फोन करके अपने,डिटेल बताए तथा कई ने शोध सार भी प्रेषित किया।
इस प्रकार मिल रहे सहयोग से मन आह्लादित है। अगर किसी मित्र के पास बालसाहित्य, बालपत्रकारिता और बालसाहित्यकारों पर केन्द्रित 226 से अधिक शोध प्रबंधों का विवरण है तो कृपया भेजकर सहयोग प्रदान करें।
एक बार फिर से आभार डॉ0 गिरिराजशरण अग्रवाल, डॉ0 परशुराम शुक्ल, डॉ0 विकास दवे, प्रो0 उषा यादव, डॉ0 दिनेश प्रसाद शाह और उन तमाम शोधार्थियों, शोधनिर्देशकों और बालसाहित्यकार मित्रों का जो इस यज्ञ में खुशी - खुशी समिधा डाल रहे हैं बल्कि दोहराते जा रहे हैं कि इस यज्ञ के हवन की सुगंध पूरे देश में फैलनी चाहिए।
मैं अपने प्रकाशक मित्रों श्री शैलेन्द्र दीक्षित, श्री सत्येंद्र शुक्ल, डॉ0 अभय मित्र और श्री अरविन्द शुक्ल को कैसे भूल सकता जो हमारे लिखे और संपादित किए को छापने के लिए हमेशा कटिबद्ध रहते हैं।
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