मंगलवार, 6 मई 2014

लोकसभा चुनाव--2014










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राहुल के गढ़ में मोदी का गांधी परिवार पर जोरदार हमला
5 May 2014, 1844 hrs IST,नवभारतटाइम्स.कॉम  
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मोदी ने सोनिया से कहा- आपके मुंह में घी-शक्कर


मोदी ने सोनिया से कहा- आपके मुंह में घी-शक्कर
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अमेठी
बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के गढ़ अमेठी में गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा। लोकसभा चुनाव के नौंवे चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मोदी पार्टी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी के लिए चुनाव प्रचार करने अमेठी पहुंचे। रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 10 साल से सोनिया गांधी का पूरा ध्यान अपने बेटे राहुल गांधी को सेटल करने में है। गांधी-नेहरू परिवार पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने 40 साल में अमेठी के सपने चूर-चूर कर दिए। मौजूदा सांसद राहुल गांधी पर वार करते हुए मोदी ने कहा, 'मैं हैरान हूं। गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले जाकर गुजरात मॉडल के बाल की खाल निकालने वालों ने कभी अमेठी का हाल भी पूछा है?' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मैं हार गया तो चाय बनाऊंगा और मेरा चाय बनाने का सामान भी तैयार है।

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मोदी बोले, हारा तो चाय बनाऊंगा
हार के साथ मोदी का करियर खत्म होने के कांग्रेसी नेताओं के बयान पर बीजेपी के पीएम कैंडिडेट ने पलटवार किया। मोदी ने कहा, 'कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि राहुल हार जाएंगे तो वह विपक्ष में भी बैठेंगे, लेकिन मोदी हार जाएगा तो कहां जाएगा। मेरे कांग्रेस के नेताओ, चिंता मत करो, मेरी चाय बनाने की केतली का सामान तैयार है। चाय बेचकर पेट का गुजारा करना आता है।'

नेहरू-गांधी परिवार ने अमेठी का सपना तोड़ा
मोदी ने गांधी परिवार पर सिर्फ वोट बटोरने की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'दिग्गजों ने अमेठी को कुछ नहीं दिया। 40 साल में इस परिवार (नेहरू-गांधी) ने तीन पीढ़ियों के सपनों को चकनाचूर किया है। मैं नई पीढ़ी के आंखों में सपने संजोने आया हूं। मैं यहां सिर्फ आपके दर्द को बांटने के लिए आया हूं।'

बेटे को लेकर सोनिया की परेशानी
मोदी ने कहा, 'मैडम सोनिया ने कहा कि चुनाव नतीजे नहीं आए और मोदी खुद को पीएम मान बैठे हैं। मैं मां की चिंता समझता हूं। 10 साल उन्होंने बेटे को सेटल करने के लिए कितने कष्ट झेले हैं, मैं जानता हूं। इसलिए मां के नाते आपके 10 साल की मेहनत पानी में जा रही है, इसके कारण आपकी परेशानी मैं समझ सकता हूं।'

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सोनिया जी के मुंह में घी-शक्कर
'
नरेंद्र मोदी अभी से ही खुद को पीएम मान बैठे हैं' वाले बयान पर बीजेपी के पीएम कैंडिडेट ने सोनिया गांधी पर चुटकी की। उन्होंने कहा, 'मैडम सोनिया जी ने मुझे पीएम मान लिया है। और तो क्या कहूं इतना ही कहता हूं कि आपके मुंह में घी शक्कर।'

गरीबों के नाम पर मां-बेटे ने ठगा
मोदी ने कहा, 'मैं मां-बेटे के गुस्से को समझ सकता हूं, क्योंकि आज तक उन्होंने गरीबों के नाम पर देश को ठगा है। उन्होंने सोचा नहीं था कि गरीब मां का बेटा उन्हें ललकारेगा।' उन्होंने कहा कि गांव, गरीब के घर से बच्चे आने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं।

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बढ़ने वाला है अमेठी का मार्केट
मोदी ने अमेठी में वोटिंग से पहले वोटरों में पैसे बांटने की आशंका भी जाहिर की। बीजेपी के पीएम कैंडिडेट ने कहा कि आज अमेठी का मार्केट बढ़ने वाला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की गाड़ियां निकल चुकी हैं और वे गाड़ियां माल से भरी पड़ी हैं। मोदी ने कहा कि चुनाव आयोग अमेठी में निष्पक्ष चुनाव करके दिखाए।

सोनिया पर मोदी का पलटवार
मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष परनिशाना साधते हुए कहा, 'मैडम सोनिया जी ने कहा कि यह मोदी तो मांग रहा है। मैंने कहा था ये दिल मांगे मोर। आज भी मैं कहता हूं कि अमेठी में मैं मांगने के लिए आया हूं। मुझे इस पर गर्व है। सोनिया जी, आप जैसे राजपरिवारों ने हमारे लिए कुछ छोड़ा है क्या? हम मांगते हैं, नोचते तो नहीं हैं ना। आप ही बताइए मांगने वाला अच्छा कि लूटने वाला?'

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राहुल-सोनिया पर भी मोदी लहर का असर
मोदी ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भी मोदी लहर का असर हुआ है। उन्होंने कहा, 'पहले तो ये मां-बेटे कभी मेरा नाम नहीं लेते थे। उन्हें लगता था कि इस आदमी का नाम ले लिया तो जिंदगी का क्या हो जाएगा। जब पूरा देश मोदी-मोदी कर रहा है तो इसका असर तो उन पर भी होता है। पिछले चार-पांच दिन से वह मेरा नाम ले रहे हैं।'

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गांवों के नाम नहीं बता पाएंगे राहुल
नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमेठी से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस और बीजेपी कैंडिडेट की तुलना करते हुए कहा, 'एक कोने में मेरी छोटी बहन (स्मृति ईरानी) और दूसरे कोने में राहुल और पूरे परिवार को खड़ा कर दें। उनसे अमेठी के गांवों के नाम पूछें जाएं तो स्मृति ईरानी 100 गांवों के नाम बताएंगी, लेकिन राहुल और पूरा परिवार 10 गांवों के नाम भी नहीं बता पाएगा।'

लालू के बहाने गांधी परिवार पर हमला
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की ओर इशारा करते हुए मोदी ने गांधी परिवार पर हमला करते हुए कहा कि अगर लोगों को जेलों से बाहर निकाल-निकाल कर राजनीति के दांव खेलेंगे, तो यह नहीं चलेगा। गौरतलब है कि लालू यादव को चारा घोटाले में सजा हो चुकी है और वह जमानत पर बाहर हैं।

पढ़ें खबर: बोगस वोटिंग का हैरतअंगेज विडियो, कांग्रेस नेताओं पर FIR

नई सरकार का शिलान्यास
मोदी ने कहा, 'अब तक जो वोटिंग हुई है, उसमें यह तय हुआ है कि देश की जनता ने दो काम पूरे कर दिए हैं। एक, मां-बेटे की सरकार गई और वोटरों ने दूसरा काम यह किया है कि नई सरकार का शिलान्यास कर दिया है।'

कमल भेज कर बनाएं मजबूत सरकार
मोदी ने कहा कि उन्होंने चुनाव तो बहुत देखे हैं, लेकिन यह चुनाव सभी पॉलिटिकल पंडितों के हिसाब-किताब को गलत साबित कर देगा। उन्होंने अमेठी की जनता से अपील की कि यहां से कमल भेजिए और मजबूत सरकार बनाइए।

स्मृति को अमेठी क्यों भेजा?
नरेंद्र मोदी ने बीजेपी नेता स्मृति ईरानी को अमेठी से चुनाव लड़वाने की रणनीति का खुलासा किया। मोदी ने कहा, 'मैं आज अपनी रणनीति और सोच का खुलासा करना चाहता हूं। आखिर हमने स्मृति को अमेठी क्यों भेजा? राहुल को परेशान करने नहीं भेजा। स्मृति को मैंने राहुल जी की मुसीबतें बढ़ाने नहीं, अमेठी की मुसीबतें कम करने के लिए भेजा है।'

पढ़ें खबर: बीजेपी कैंडिडेट है सबसे बड़ा आतंकीः मायावती

60
महीने में अमेठी को चमका दूंगा
बीजेपी के पीएम कैंडिडेट ने कहा, 'स्मृति जी मेरे साथ काम करती हैं। मेरे गुजरात से वह राज्यसभा की सदस्य हैं। जब वह राज्यसभा से चुनकर आईं, तो मैंने गुजरात के कुछ पिछड़े जिले सौंपे। आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि उन्होंने उस जिले को शानदार और जानदार बना दिया। तब जाकर मैंने फैसला किया कि यूपी के सबसे बदहाल जिले में मैं स्मृति जी को भेजूंगा। तब मेरे दिमाग में अमेठी नहीं था। मैंने जांच पड़ताल की और पाया कि यूपी में सबसे बुरा हाल वाला जिला अमेठी है। उसी दिन मैंने ठान लिया कि आने वाले 60 महीने में मैं अमेठी को बदलकर रख दूंगा। दुनिया के लोग यहां केस स्टडी करने आएंगे।'

बदला नहीं, बदलाव चाहते हैं
मोदी ने कहा कि मैं यहां बदले की राजनीति करने नहीं आया हूं और मेरा वह रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं यहां बदलाव की राजनीति करने आया हूं। हम बदला नहीं, बदलाव चाहते हैं। मेरी छोटी बहन (स्मृति ईरानी) पर मुझे भरोसा है।'


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अमेठी में मोदी को दिखाए गए काले झंडे
5 May 2014, 2046 hrs IST,नवभारतटाइम्स.कॉम  
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Black Flags shown to Modi in Amethi
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अमेठी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के गढ़ अमेठी में सोमवार को पार्टी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी के समर्थन में रैली करने गए नरेंद्र मोदी को विरोध का भी सामना करना पड़ा। उन्हें रैली के बाद काले झंडे दिखाए गए। विरोध करने वाले लोग यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं। इससे पहले इलाहाबाद में रविवार को मोदी की तरफ जूता उछालने की घटना सामने आई थी।

खबर पढ़ें: मोदी की ओर उछाला जूता, नारा लगा 'ना-ना मोदी'

मोदी सोमवार शाम को लोकसभा चुनाव के नौवें चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अमेठी में रैली करने गए थे। रैली खत्म होने के ठीक बाद उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा।

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अमेठी रैली में क्या बोले मोदी, पढ़ें पूरी खबर

रैली में बड़ी तादाद में कथित तौर पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ता काले झंडों के साथ मौजूद थे। जैसे ही मोदी का भाषण खत्म हुआ वे मंच के पास पहुंच गए और उन्होंने काले झंडे निकालकर लहराना शुरू कर दिया।

खबर पढ़ें: मोदी ने मेरे शहीद पिता का अपमान किया: प्रियंका

जब यह हंगामा हो रहा था, मोदी मंच पर ही मौजूद थे। मोदी ने इस अजीब स्थिति से निपटने के लिए भीड़ की तरफ हाथ जोड़ते नजर आए। मंच के पास काफी देर तक यह हंगामा होता रहा। मोदी इस हंगामे के बीच रैली स्थल से निकल गए।



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मोदी ने अमेठी में मेरे शहीद पिता का अपमान कियाः प्रियंका
6 May 2014, 0019 hrs IST,नवभारतटाइम्स.कॉम  
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'मोदी ने मेरे शहीद पिता का अपमान किया'


'मोदी ने मेरे शहीद पिता का अपमान किया'
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अमेठी
अमेठी रैली में राजीव समेत पूरे गांधी परिवार पर किए गए हमले को लेकर प्रियंका गांधी ने नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया है। प्रियंका ने मोदी पर भड़कते हुए कहा कि उन्होंने उनके शहीद पिता का अपमान किया। इस नीच राजनीति का जवाब वोटिंग वाले दिन कांग्रेस के बूथ कार्यकर्ता देंगे।

अमेठी रैली में क्या बोले मोदी, पढ़ें पूरी खबर

प्रियंका ने कहा, 'इन्होंने अमेठी की धरती पर मेरे शहीद पिता का अपमान किया है। अमेठी की जनता इस हरकत को माफ नहीं करेगी। इनकी नीच राजनीति का जवाब मेरे बूथ कार्यकर्ता देंगे। अमेठी के एक-एक बूध से जवाब आएगा।'

देखें दुर्लभ तस्वीरें: दादी इंदिरा संग प्रियंका

किस बात पर भड़कीं प्रियंकाः नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान राजीव गांधी पर भी हमला बोला था। उन्होंने राजीव गांधी के गुस्से का जिक्र करते हुए कहा था, 'राजीव गांधी जब राहुल गांधी से भी छोटी उम्र के थे और कांग्रेस के महासचिव थे, तो वह हैदराबाद गए थे। उन्हें लेने आंध्र प्रदेश के सीएम आए। और पता नहीं राजीव गांधी का गुस्सा ऐसे भड़का कि आंध्र के सीएम को उन्होंने एयरपोर्ट पर अपमानित किया। आंध्र के सीएम की आंखों में आंसू आ गए थे।'











एफआइआर में नहीं था भगत सिंह का नाम: पाक पुलिस

Publish Date:Sunday,May 04,2014 10:42:44 PM | Updated Date:Monday,May 05,2014 12:03:43 AM
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http://images.jagran.com/images/04_05_2014-bhagatss.jpgएफआइआर में नहीं था भगत सिंह का नाम: पाक पुलिस
लाहौर। 1928 में ब्रिटिश पुलिस अफसर जॉन सांडर्स की हत्या के बाद दर्ज की गई एफआइआर में शहीद भगत सिंह का नाम ही नहीं था। भगत सिंह की फांसी के 83 साल बाद उन्हें निर्दोष साबित करने की मुहिम को लाहौर पुलिस से मिली इस जानकारी के बाद मजबूती मिली है। एफआइआर मिलने के बाद लाहौर हाई कोर्ट ने चीफ जस्टिस से अपील की है कि वह इस मामले की सुनवाई के लिए उच्च खंडपीठ का गठन करे।
भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष इम्तियाज कुरैशी ने याचिका दायर कर तत्कालीन एसएसपी सांडर्स की हत्या के मामले में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु पर की गई एफआइआर की कॉपी मांगी थी। इसी मामले में भगत सिंह को सजा-ए-मौत सुनाई गई थी। उन्हें 23 साल की उम्र में 1931 को शदमन चौक में फांसी दे दी गई थी। उनकी फांसी के आठ दशक बाद लाहौर पुलिस ने कोर्ट के आदेश से अनारकली पुलिस थाने के रिकॉर्ड से एफआइआर पाने में सफलता हासिल की है।
17 दिसंबर 1928 को शाम 4.30 बजे दो अज्ञात बंदूकधारियों के खिलाफ उर्दू में यह एफआइआर दर्ज की गई थी। मामले में अनारकली पुलिस थाने का एक अधिकारी शिकायतकर्ता था। शिकायतकर्ता और चश्मदीद पुलिस अधिकारी ने कोर्ट में गवाही दी थी कि 'मैंने एक व्यक्ति का पीछा किया, जिसका कद 5 फीट 5 इंच था, हिंदू चेहरा था, छोटी मूंछें थीं, दुबला और कठोर शरीर था, सफेद पायजामा पहने था और ग्रे कुर्ता पहने था। उसने काली क्रिस्टी जैसी टोपी भी पहनी थी।' केस भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दर्ज किया गया था।
लाहौर पुलिस स्टेशन के एक इंस्पेक्टर ने शनिवार को एफआइआर की कॉपी सीलबंद लिफाफे में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, लाहौर तारीक महमूद जरगाम को सौंपी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता कुरैशी को इसकी कॉपी सौंप दी है। याचिकाकर्ता कुरैशी ने बताया कि भगत सिंह का केस सुन रहे विशेष जजों ने मामले के 450 गवाहों को सुने बगैर मृत्यु दंड दे दिया। कुरैशी ने लाहौर हाई कोर्ट में भगत सिंह का केस फिर खोलने की याचिका भी दायर कर रखी है। वे कहते हैं कि मैं सांडर्स मामले में भगत सिंह को निर्दोष साबित करना चाहता हूं।



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भगत सिंह के घर, स्कूल की मरम्मत कराएगा पाकिस्तान

Publish Date:Monday,Feb 17,2014 08:41:23 PM | Updated Date:Monday,Feb 17,2014 08:50:33 PM
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भगत सिंह के घर, स्कूल की मरम्मत कराएगा पाकिस्तान लाहौर। पाकिस्तान सरकार ने शहीद भगत सिंह के घर, स्कूल और गांव के पुनरुद्धार की योजना पर मुहर लगा दी है। सरकार ने इसके लिए आठ करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।
पढ़ें : देश के सपूतों की कहानी
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को लाहौर से करीब 150 किमी दूर फैसलाबाद जिले की जरानवाला तहसील के बांगे गांव में हुआ था। शहीद क्रांतिकारी का गांव देखने बड़ी संख्या में भारतीय यहां आते हैं। फैसलाबाद के जिला समन्वयक अधिकारी नूरुल अमीन मंगल ने सोमवार को कहा, स्वतंत्रता आंदोलन के नायक भगत सिंह के घर व स्कूल की मरम्मत के लिए हमने आठ करोड़ रुपये की राशि जारी की है। इस रकम से उनके गांव में पीने के पानी की व्यवस्था और नालियों का निर्माण भी कराया जाएगा। फैसलाबाद के लोगों को गर्व है कि भगत सिंह उनकी माटी का सपूत था। हम चाहते हैं कि इस जगह को उनके नाम से ही पहचाना जाए।
पढ़ें : शहीद-ए-आजम भगत सिंह को शत शत नमन
मंगल ने बताया कि गांव का पुनरुद्धार इस वर्ष के अंत तक हो जाएगा। भगत के गांव से 35 किमी दूर ही सिखों का मशहूर तीर्थ स्थल ननकाना साहिब स्थित है, जहां हर साल हजारों सिख तीर्थयात्री आते हैं। पाक सरकार गांव के विकास के बाद फैसलाबाद संग्रहालय में रखी भगत सिंह की वस्तुओं को भी उनके घर में लाएगी। बांगे की मौजूदा आबादी करीब पांच हजार है। उनके घर का मालिकाना हक वकील इकबाल विर्क के पास है। मंगल ने बताया कि इस घर को विर्क से खरीदा जाएगा।
ब्रिटिश सरकार ने भगत सिंह पर केस चलाकर उन्हें मात्र 23 वर्ष की उम्र में 23 मार्च, 1931 को फांसी पर लटका दिया था। पंजाब प्रांत की सरकार ने अक्टूबर, 2012 में फव्वारा चौक का नाम भगत सिंह चौक रखने का फैसला किया था, लेकिन बाद में विरोध के कारण यह फैसला टाल दिया गया था।
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भगत सिंह के घर, स्कूल की मरम्मत कराएगा पाकिस्तान

Publish Date:Monday,Feb 17,2014 08:41:23 PM | Updated Date:Monday,Feb 17,2014 08:50:33 PM
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भगत सिंह के घर, स्कूल की मरम्मत कराएगा पाकिस्तान लाहौर। पाकिस्तान सरकार ने शहीद भगत सिंह के घर, स्कूल और गांव के पुनरुद्धार की योजना पर मुहर लगा दी है। सरकार ने इसके लिए आठ करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।
पढ़ें : देश के सपूतों की कहानी
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को लाहौर से करीब 150 किमी दूर फैसलाबाद जिले की जरानवाला तहसील के बांगे गांव में हुआ था। शहीद क्रांतिकारी का गांव देखने बड़ी संख्या में भारतीय यहां आते हैं। फैसलाबाद के जिला समन्वयक अधिकारी नूरुल अमीन मंगल ने सोमवार को कहा, स्वतंत्रता आंदोलन के नायक भगत सिंह के घर व स्कूल की मरम्मत के लिए हमने आठ करोड़ रुपये की राशि जारी की है। इस रकम से उनके गांव में पीने के पानी की व्यवस्था और नालियों का निर्माण भी कराया जाएगा। फैसलाबाद के लोगों को गर्व है कि भगत सिंह उनकी माटी का सपूत था। हम चाहते हैं कि इस जगह को उनके नाम से ही पहचाना जाए।
पढ़ें : शहीद-ए-आजम भगत सिंह को शत शत नमन
मंगल ने बताया कि गांव का पुनरुद्धार इस वर्ष के अंत तक हो जाएगा। भगत के गांव से 35 किमी दूर ही सिखों का मशहूर तीर्थ स्थल ननकाना साहिब स्थित है, जहां हर साल हजारों सिख तीर्थयात्री आते हैं। पाक सरकार गांव के विकास के बाद फैसलाबाद संग्रहालय में रखी भगत सिंह की वस्तुओं को भी उनके घर में लाएगी। बांगे की मौजूदा आबादी करीब पांच हजार है। उनके घर का मालिकाना हक वकील इकबाल विर्क के पास है। मंगल ने बताया कि इस घर को विर्क से खरीदा जाएगा।
ब्रिटिश सरकार ने भगत सिंह पर केस चलाकर उन्हें मात्र 23 वर्ष की उम्र में 23 मार्च, 1931 को फांसी पर लटका दिया था। पंजाब प्रांत की सरकार ने अक्टूबर, 2012 में फव्वारा चौक का नाम भगत सिंह चौक रखने का फैसला किया था, लेकिन बाद में विरोध के कारण यह फैसला टाल दिया गया था।

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भगत सिंह चौक के नामकरण से पीछे हटा पाक

Publish Date:Wednesday,Oct 31,2012 09:27:27 PM | Updated Date:Thursday,Nov 01,2012 03:19:08 PM
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भगत सिंह चौक के नामकरण से पीछे हटा पाक लाहौर। हाफिज सईद के नेतृत्व वाले जमात उद दावा और दूसरे कंट्टरपंथी संगठनों के दबाव के आगे झुकते हुए पाकिस्तान ने अपने एक चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी है। लाहौर जिला प्रशासन ने उप महाद्वीप में अंग्रेजों के खिलाफ भगत सिंह के योगदान और उनके बलिदान की याद में पिछले माह ही शादमान चौक का नाम भगत सिंह चौक करने की घोषणा की थी।
जिला प्रशासन प्रमुख नूरुल अमीन मेंगल ने शादमान चौक का नाम बदलने का फैसला किया था। उन्होंने अपने अधिकारियों को फटकार भी लगाई कि अभी तक इस पर 'भगत सिंह चौक' का बोर्ड क्यों नहीं लगाया गया। इसके बाद बुधवार को अधिकारियों ने बताया कि यह योजना अभी टाल दी गई है। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा,'हमें जमात उद दावा का धमकी भरा खत मिला है। इसमें शादमान चौक को भगत सिंह के नाम पर रखने को लेकर चेतावनी दी गई है। इसके अलावा जन सुनवाई में स्थानीय लोगों का रुख भी नकारात्मक रहा है।' जमात के अलावा एक अन्य कंट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने भी इसका विरोध किया है।
लाहौर के सौंदर्यकरण के लिए बनाई गई समिति 'दिलकश लाहौर' के सदस्य एजाज अनवर ने कहा, 'चौक का नाम बदलने का फैसला कुछ समय के लिए टाल दिया गया है। जमात उद दावा चाहता है कि चौक का नाम हरमत-ए-रसूल किया जाए।' अनवर ने कहा, 'संगठन ने चेतावनी दी है कि वह खुद इस नाम के बैनर लगाएगा। ऐसी स्थिति में सरकार कैसे आगे बढ़ सकती है।' मुल्क की एतिहासिक जगहों के दोबारा नामकरण का जिम्मा दिलकश लाहौर समिति को ही दिया गया है। हाल ही में जमात के नेता आमिर हमजा ने भी कहा था कि पाकिस्तान एक इस्लामी मुल्क है और इसकी सड़कों का नाम मुस्लिमों के नाम पर ही रखा जाना चाहिए, न कि हिंदू या सिखों के नाम पर।

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लाहौर में भगत सिंह के नाम पर चौराहा

Publish Date:Sunday,Sep 30,2012 04:32:27 PM | Updated Date:Sunday,Sep 30,2012 08:56:27 PM
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http://images.jagran.com/images/30_09_2012-bhagat30.jpg
लाहौर में भगत सिंह के नाम पर चौराहा लाहौर। पाकिस्तान ने आखिरकार शहीद ए आजम भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों और तत्कालीन ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन में उनके योगदान को स्वीकार कर लिया है। उसने लाहौर के एक चौराहे का नाम भगत सिंह के नाम पर रख दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि लाहौर के शदमान चौक को अब भगत सिंह चौक के नाम से जाना जाएगा। सिंह को मार्च, 1931 में तत्कालीन लाहौर जेल में फांसी दे दी गई थी। यहीं पर बाद में चौक का निर्माण किया गया। अधिकारियों ने पिछले कई वर्षो में लाहौर में हिंदुओं के नाम पर रखे गए बहुत से स्थलों के नाम में परिवर्तन किया है। अब एक व्यस्त चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का कुछ स्थानीय निवासियों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह साहसिक कदम है। जिला प्रशासन के प्रमुख नूरुल अमीन मेंगाल ने हाल ही में 'सिटी डिस्ट्रिक्ट गवर्नमेंट ऑफ लाहौर [सीडीजीएल]' को एक सप्ताह में चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का आदेश दिया है। मेंगाल ने सीडीजीएल के मुख्य प्रचार अधिकारी नदीम गिलानी को चौक का नाम चौधरी रहमत अली चौक करने के अनुरोध पर विचार करने के लिए चेतावनी भी दी। मेंगाल ने गिलानी से कहा, 'आप जानते हैं कि भगत सिंह कौन थे। वह ब्रिटिश सरकार से लड़ते हुए शदमान चौक पर शहीद हुए थे।' उन्होंने कहा कि संविधान के तहत सभी पाकिस्तानी नागरिकों को बराबर अधिकार मिला हुआ है। चाहे वे मुस्लिम, सिख, हिंदू या ईसाई हों। किसी भी व्यक्ति को चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर करने पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चौक पर शीघ्र ही 'भगत सिंह चौक' का बोर्ड लगाया जाए। लाहौर में गत शुक्रवार को भगत सिंह की 105वीं जयंती मनाई गई थी।
भगत सिंह के भतीजे ने जताया पाक का आभार
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। पाकिस्तान में लाहौर के शादमान चौक का नाम बदलकर शहीद भगत सिंह चौक करने पर शहीद ए आजम भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधु व इसके लिए संघर्ष कर रहे संगठनों ने पाकिस्तान सरकार का आभार जताया है।
भगत सिंह के परिजनों ने बताया कि शादमान चौक पर ही अंग्रेजी हुकूमत ने शहीद भगत सिंह को फांसी दी थी। किरणजीत ने बताया कि पाकिस्तान के विभिन्न संगठन व लेबर पार्टी कई वर्ष से इस चौक का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर करने की मांग कर रहे थे। भगत सिंह लाहौर में ही पले बढ़े थे।
संधु ने कहा कि भगत सिंह इस पूरे उप महाद्वीप की सांझी विरासत के प्रतीक हैं। इस बात को दोनों ही मुल्कों के लोग मानते हैं।
उन्होंने बताया कि शहीद भगत सिंह के जन्म दिवस 28 सितंबर को लाहौर के सर दयाल सिंह लाइब्रेरी हाल में 40 संगठनों ने मिलकर कार्यक्रम किया। इसमें भाग लेने भारत से 32 लोगों के शिष्ट मंडल को भी जाना था, मगर पाकिस्तान की फैडरल केंद्रीय सरकार द्वारा वीजा न दिये जाने से कोई नहीं जा पाया।

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