प्रस्तुति -- मोनिका आर्या, नेहा सिंह
आगरा
ये तो है कि महिलाएं खूबसूरत दिखने के लिए श्रृंगार करती हैं. अब
वैज्ञानिकों ने भी मान लिया है कि काजल लगा कर आंखों को बड़ा दिखाने या
मेकअप से होठों को भरा हुआ दिखाने से पुरुष वाकई आकर्षित होते हैं, वो भी
अच्छी सेहत वाले.
बड़ी बड़ी आंखें, भरे हुए होंठ, किसी महिला की खूबसूरती में ऐसे नैन नक्श
तो चार चांद लगाते ही हैं. ज्यादातर दक्षिण एशियाई देशों में काफी प्राचीन
काल से साहित्य में भी सुंदर महिलाओं के ऐसे ही गुण बताए गए हैं. अब एक
अंतरराष्ट्रीय स्टडी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि स्वस्थ देशों के
पुरुष ऐसी महिलाएं पसंद करते हैं जिनके नैन नक्श कोमल और ज्यादा नारी सुलभ
होते हैं.
इसमें उन देशों के पुरुषों को लिया गया जिनका स्थान 'नेशनल हेल्थ इंडेक्स' में काफी ऊपर है. आम तौर पर इन देशों के पुरुषों का स्वास्थ्य स्तर बेहतर है. साथ ही भ्रूणों, गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं, पांच साल से कम उम्र के बच्चों और वयस्कों की मौत की दर काफी कम है. इसके अलावा जन्म दर और जीवन काल आम तौर पर ज्यादा है. कम स्वस्थ देशों के पुरुषों में यह सभी आंकड़े विपरीत दिशा में इशारा करते हैं.
सेहत और खूबसूरती
ब्रिटिश जर्नल 'बायोलॉजी लेटर्स' में प्रकाशित इस स्टडी में रिसर्चरों ने 28 अलग अलग देशों के करीब दो हजार पुरुषों को 20 महिलाओं की तस्वीरें दिखाईं. हर महिला की दो तरह की फोटो, एक असली और दूसरी कुछ बदलावों के साथ, जैसे आंखें बड़ी करना या होठों को और भरा हुआ दिखाना, ज्यादा गोल जबड़े या फिर हल्की भौंवें.
सभी देशों के पुरुषों ने उन महिलाओं को चुना जिनके चेहरे ज्यादा नारी सुलभ नैन नक्श वाले थे. एक बड़ा अंतर इसमें दिखा कि जापान जैसे विकसित और बेहतर सेहत वाले देश के पुरुषों ने ज्यादा फेमीनिन लक्षणों वाली महिला को आकर्षक बताया, जबकि नेपाल जैसे गरीब देश के पुरुषों ने इस गुण में सबसे कम रुचि दिखाई.
सेक्स हार्मोन पर असर
इस स्टडी का नेतृत्व किया है फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ तुर्कू की जीवविज्ञानी उर्सुला मार्सिंकोव्स्का ने. उनका मानना है कि मानव विकास के क्रम में ऐसा हुआ होगा कि कठिन परिस्थितियों में रहने वाले पुरुष ऐसी महिलाओं को पसंद करने लगे जो बहुत ज्यादा स्त्रैण नहीं दिखतीं. वे ऐसी महिलाओं को ज्यादा आकर्षक मानते हैं, जो चेहरे से ज्यादा प्रबल और संसाधनों को संभाल कर रखने की क्षमता वाली लगें. वहीं ऊंचे स्वास्थ्य स्तर वाले देशों के पुरूषों ने काफी फेमीनिन चेहरों वाली महिलाओं को अधिक आकर्षक पाया.
इसके अलावा इन सभी पुरुषों में स्टडी के दौरान सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टीरॉन के स्तर से भी गहरा संबंध दिखाई दिया. पहले हुई रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि कम सेक्स हार्मोन वाले पुरुष कम फेमीनिन महिलाओं को ही चुनते हैं. यह भी देखा गया कि जिन देशों में स्वास्थ्य का स्तर खराब है, वहां के पुरुषों में सेक्स हार्मोन भी कम होते हैं.
आरआर/आईबी (डीपीए)
इसमें उन देशों के पुरुषों को लिया गया जिनका स्थान 'नेशनल हेल्थ इंडेक्स' में काफी ऊपर है. आम तौर पर इन देशों के पुरुषों का स्वास्थ्य स्तर बेहतर है. साथ ही भ्रूणों, गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं, पांच साल से कम उम्र के बच्चों और वयस्कों की मौत की दर काफी कम है. इसके अलावा जन्म दर और जीवन काल आम तौर पर ज्यादा है. कम स्वस्थ देशों के पुरुषों में यह सभी आंकड़े विपरीत दिशा में इशारा करते हैं.
सेहत और खूबसूरती
ब्रिटिश जर्नल 'बायोलॉजी लेटर्स' में प्रकाशित इस स्टडी में रिसर्चरों ने 28 अलग अलग देशों के करीब दो हजार पुरुषों को 20 महिलाओं की तस्वीरें दिखाईं. हर महिला की दो तरह की फोटो, एक असली और दूसरी कुछ बदलावों के साथ, जैसे आंखें बड़ी करना या होठों को और भरा हुआ दिखाना, ज्यादा गोल जबड़े या फिर हल्की भौंवें.
सभी देशों के पुरुषों ने उन महिलाओं को चुना जिनके चेहरे ज्यादा नारी सुलभ नैन नक्श वाले थे. एक बड़ा अंतर इसमें दिखा कि जापान जैसे विकसित और बेहतर सेहत वाले देश के पुरुषों ने ज्यादा फेमीनिन लक्षणों वाली महिला को आकर्षक बताया, जबकि नेपाल जैसे गरीब देश के पुरुषों ने इस गुण में सबसे कम रुचि दिखाई.
सेक्स हार्मोन पर असर
इस स्टडी का नेतृत्व किया है फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ तुर्कू की जीवविज्ञानी उर्सुला मार्सिंकोव्स्का ने. उनका मानना है कि मानव विकास के क्रम में ऐसा हुआ होगा कि कठिन परिस्थितियों में रहने वाले पुरुष ऐसी महिलाओं को पसंद करने लगे जो बहुत ज्यादा स्त्रैण नहीं दिखतीं. वे ऐसी महिलाओं को ज्यादा आकर्षक मानते हैं, जो चेहरे से ज्यादा प्रबल और संसाधनों को संभाल कर रखने की क्षमता वाली लगें. वहीं ऊंचे स्वास्थ्य स्तर वाले देशों के पुरूषों ने काफी फेमीनिन चेहरों वाली महिलाओं को अधिक आकर्षक पाया.
इसके अलावा इन सभी पुरुषों में स्टडी के दौरान सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टीरॉन के स्तर से भी गहरा संबंध दिखाई दिया. पहले हुई रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि कम सेक्स हार्मोन वाले पुरुष कम फेमीनिन महिलाओं को ही चुनते हैं. यह भी देखा गया कि जिन देशों में स्वास्थ्य का स्तर खराब है, वहां के पुरुषों में सेक्स हार्मोन भी कम होते हैं.
आरआर/आईबी (डीपीए)
- तारीख 06.05.2014
- कीवर्ड सेहत, महिला, पुरूष, सेक्स, हार्मोन, स्टडी, जीन
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