मंगलवार, 6 अक्तूबर 2015

अनामी 16 परम्परा


  

 

 

भारत के हर क्षेत्र की कुछ ख़ास परम्पराएं है जो उस क्षेत्र की पहचान बनी हुई है। ऐसी ही एक परम्परा है हिमाचल प्रदेश के किन्नौर क्षेत्र की जिसमे महिला का विवाह एक ही परिवार के सभी सगे भाइयों से एक साथ किया जाता है। यहाँ के निवासी इस प्रथा का सम्बन्ध पांडवो के अज्ञातवास से जोड़ते है।
Amazing marriage tradition of Kinnaur


सभी भाई एक युवती से करते हैं शादी

हमारे देश में विवाह की कई प्रथाएं हैं। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में आज भी बहु पति विवाह किए जाते हैं। यहां रहने वाले परिवारों में महिलाओं के कई पति होते हैं। ऐसा नहीं है कि ये पति अलग-अलग परिवारों के हो, महिला के पति एक ही घर के होते हैं। घर की एक ही छत के नीचे रहने वाले परिवार के सभी भाई एक ही युवती से परंपरा के अनुसार शादी करते हैं और विवाहित जीवन जीते हैं। अगर किसी महिला के कई पतियों में से किसी एक की मौत भी हो जाए तो भी महिला को दुख नहीं मनाने दिया जाता है।

Amazing marriage tradition of Kinnaur


सभी भाई करते हैं मर्यादा का पालन

किन्नौर में विवाह की परंपरा भी अजीब ढंग से निभाई जाती है। जब किसी युवती की शादी होती है तो परिवार वाले उस परिवार के लड़कों के बारे में पूरी जानकारी आदि ले लेते हैं। विवाह में सभी भाई दूल्हे के रूप में सम्मलित होते हैं। शादी के बाद निभाई जाने वाली कई परंपराएं और बाद का विवाहित जीवन एक टोपी पर निर्भर करता है। जैसे किसी परिवार में चार भाई है। सभी की विवाह एक ही महिला से हुआ है। अगर कोई भाई अपनी पत्नी के साथ है तो वह कमरे दरबाजे पर अपनी टोपी रख देता है। भाईयों में मान मर्यादा इतनी रहती है कि जब तक टोपी दरवाजे पर रखी है कोई दूसरा भाई उस स्थान पर नहीं जा सकता।
Amazing marriage tradition of Kinnaur


अज्ञातवास में यहीं रहे थे पांडव

किन्नौर के निवासी कहते हैं कि यह प्रथा इसलिए चली आ रही है क्योंकि अज्ञातवास के दौरान पांचों पांडवों ने यही समय बिताया था। सर्दी में बर्फबारी की वजह से यहां की महिलाएं और पुरुष घर में ही रहते हैं। बर्फबारी की वजह से कोई काम नहीं रहता है। इन दिनों इन लोगों के पास बस मौज मस्ती में दिन व रात गुजारने होते हैं। महिलाएं सारा दिन पुरुषों के साथ गप्पें मारती हैं।
Amazing marriage tradition of Kinnaur


महिला होती है घर की मुखिया 

यहां पुरुष नहीं बल्कि महिलाएं घर की मुखिया होती हैं। इनका काम होता है पति व संतानों की सही ढंग से देखभाल करना। परिवार की सबसे बड़ी स्त्री को गोयने कहा जाता है। उसके सबसे बडे पति को गोर्तेस, कहते हैं यानी घर का स्वामी। यहां की एक और बात खास होती है वह यह कि यहां खाने के साथ शराब अनिवार्य होती है। यदि पुरुषों का मन दुखी होता है तो यह शराब और तम्बाकू का सेवन करते हैं वहीं जब महिलाओं को किसी बात को लेकर दुःख होता है तो वह गीत गाती हैं।

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