प्रस्तुति- धीरज पांडेय
इटावा। आमतौर पर घर के सोने वाले कमरे में बिस्तर-चारपाई और ड्राईंग रूम में सोफासेट और कुर्सियां आदि होती हैं लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गृहजिला ईटावा के गांव के तकिया इलाके में लोग अपने परिजनों के मरने पर घर के अंदर ही कमरे में उन्हें दफनाने और उनकी कब्र बनाते है। घर के चारो तरफ कोई भी कोना खाली नहीं होगा । परिवार के लोग चाहे मां बाप दादा दादी भाई चाचा नाना की क्रब घर के भीतर ही दबी होती है। कमरे में बिस्तर टेबल कुर्सी लगी होती है, मगर उसके नीचे मृत परिजनों के शव दबे होते है।
गाव के मुस्लिमों में अब तो यह परम्परा बन गयी है, मगर गांव में कोई क्रबिस्तान का न होना इनकी मजबूरी भी है, कि वे वे घर में ही अपने लोगों को दफनाकर अपने घर को ही क्रबिस्तान बना दे। सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पैतृक जिले इटावा में कब्रिस्तान की सुविधा सें महरुम गांववालों की इस अजीबोगरीब मजबूरी से लोग हतप्रभ हैं और प्रशासन खामोश है।
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