शनिवार, 31 अक्तूबर 2015

पुरातत्वीय स्थल संग्रहालय, श्री सूर्यपहाड़





पुरातत्वीय स्थल संग्रहालय, श्री सूर्यपहाड़
पुरातत्वीय संग्रहालय, श्री सूर्यपहाड़
विवरण श्री सूर्यपहाड़ ब्रह्मपुत्र घाटी के निचले असम में गोलपारा शहर से 14 कि.मी. पूर्व में स्‍थित है। जैसा कि नाम दर्शाता है, यह संभवत: अति प्राचीन काल से सूर्य की उपासना करने वाले सम्‍प्रदाय से जुड़ा था।
राज्य असम
नगर गोलपारा
खुले रहने का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
अवकाश शुक्रवार
अन्य जानकारी इस स्‍थल पर किए गए पुरातत्‍वीय उत्‍खनन में 6-12वीं शताब्‍दी ईसवी के दो मंदिर परिसरों के अवशेषों से अनेक पुरावस्‍तुएं प्राप्‍त हुई हैं। इन उत्‍खननों के माध्‍यम से महत्‍वपूर्ण टेराकोटा कला वस्तुएं और पत्‍थर की पुरावस्‍तुएं संग्रहित की गई हैं।
प्रस्तुति-- कुति शरण 






पुरातत्वीय स्थल संग्रहालय, श्री सूर्यपहाड़ असम राज्य के गोलपारा ज़िले में स्थित है। श्री सूर्यपहाड़ ब्रह्मपुत्र घाटी के निचले असम में गोलपारा शहर से 14 कि.मी. पूर्व में स्‍थित है। जैसा कि नाम दर्शाता है, यह संभवत: अति प्राचीन काल से सूर्य की उपासना करने वाले सम्‍प्रदाय से जुड़ा था।

विशेषताएँ

  • यह स्‍थल ब्राह्मण देव-समूह के अनेक शिला-उत्‍कीर्णन, पत्‍थर को काट कर बनाए गए उपासना वाले स्तूप और जैन आस्थाओं के तीर्थंकरों के शिला-उत्‍कीर्णन से भरपूर है जो प्रारंभिक ईसाई काल (ईसवी) से 12वीं शताब्‍दी ईसवी तक के हैं।
  • इस स्‍थल पर किए गए पुरातत्‍वीय उत्‍खनन में 6-12वीं शताब्‍दी ईसवी के दो मंदिर परिसरों के अवशेषों से अनेक पुरावस्‍तुएं प्राप्‍त हुई हैं। इन उत्‍खननों के माध्‍यम से महत्‍वपूर्ण टेराकोटा कला वस्तुएं और पत्‍थर की पुरावस्‍तुएं संग्रहित की गई हैं।
  • पाई गई पाषाण प्रतिमाओं में एक महिषासुरमर्दिनी की मूर्ति, कीर्तिमुखों को दर्शाने वाले ताराकर शिला-अंश, विद्यादर, सजावटी वस्‍तुएं, टेराकोटा पटिये, उत्‍कीर्णित ईंटे इत्‍यादि उल्‍लेखनीय हैं।
  • संग्रहालय की 173 पुरावस्तुओं में, 93 वस्‍तुएं तीन दीर्घाओं में प्रदर्शित की गई हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ




  1. पुरातत्वीय स्थल संग्रहालय, श्री सूर्यपहाड़ (हिन्दी) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण। अभिगमन तिथि: 19 फ़रवरी, 2015।

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