Written by NewsDesk Category: सियासत-ताकत-राजकाज-देश-प्रदेश-दुनिया-समाज-सरोकार Published on 08 July 2011
सीपीआईएल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया है कि कपिल सिब्बल ने यूनीफाइड एक्सेस सर्विस लाइसेंस समझौते का उल्लंघन करने के लिए रिलायंस इंफोकॉम पर लगाए गए 650 करोड़ रुपये के जुर्माने को घटाकर महज पांच करोड़ रुपये कर दिया. इसके लिए उन्होंने दूरसंचार विभाग के सचिव की राय तक को खारिज कर दिया. संस्था ने इस मामले में कपिल सिब्बल और एटार्नी जनरल गुलाम ई वाहनवती के खिलाफ सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है. संस्था का आरोप है कि वाहनवती ने भी पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा का सहयोग करने के लिए कायदे कानूनों को ताक पर रख दिया था.
याचिकाकर्ता संस्था ने आरोप लगाया है कि दोनों लोगों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया. सॉलिसिटर जनरल पद पर रहते हुए वाहनवती ने स्थापित नियमों का पालन करने की बजाय 2जी स्पेक्ट्रम मामले में श्री राजा को सीधे सलाह दी, जबकि नियमानुसार कोई भी वरिष्ठ विधि अधिकारी अपनी सलाह विधि मंत्रालय के जरिए ही किसी को दे सकता है. संस्था ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि इस दौरान हुए घटनाक्रम में दोनों लोगों की भूमिका की जांच की जाए. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को करेगी.
इधर, दो मंत्रियों की बलि ले चुके 2जी ने तीसरे मंत्री को भी घेर लिया है. मीडिया पर अक्सर भड़कने वाले कपिल सिब्बल ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने नियमानुसार कार्रवाई की. कपिल सिब्बल ने कहा कि व्यक्तिगत द्वेष के चलते उनके खिलाफ याचिका दाखिल की गई है. उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. उन्होंने कहा यह उनकी छवि खराब करने का प्रयास है. श्री सिब्बल ने बताया कि अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन ने मई 2007 में ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विभाग से डील पर साइन किए थे. ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियां यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) से सब्सिडी लेने की हकदार हैं, इसीलिए सरकार ने सबसे कम रियायत मांगने वाली कंपनी का चयन किया.
कपिल सिब्बल ने कहा कि तीन साल बाद नवंबर 2010 में आरकॉम ने 13 सर्कल में काम करना बंद कर दिया, जिस पर यूएसओएफ ने आपत्ति की और रिलायंस को नोटिस भेजा. उन्होंने रिलायंस पर 50 करोड़ का जुर्माना भी लगाया, लेकिन जब तक फाइल सिब्बल के पास पहुंची, रिलायंस ने सेवा बहाल कर दी थी. सिब्बल ने कहा सब कुछ नियमानुसार किया गया है, इसमें कुछ भी गड़बड़ी नहीं है. इसका 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से भी कोई संबंध नहीं है.
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