बुधवार, 13 जुलाई 2011

दिल्‍ली का बाबू : पत्नियों की महिमा




हर सफल पुरुष के पीछे एक महिला होती है. यह कांग्रेसी नेता भी भलीभांति जानते हैं. लेकिन हाल के दिनों में आयकर विभाग का कोपभाजन बने मध्य प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कहावत को एक बार फिर सत्य साबित कर दिया है. छापों के दौरान आयकर विभाग के अधिकारियों ने पाया कि अधिकांश नौकरशाहों की पत्नियां बीमा एजेंट का काम करती हैं. अपने रसूखदार पतियों की एक्स्ट्रा आमदनी का निवेश करने के लिहाज़ से यह धंधा का़फी उपयोगी है.
ये पत्नियां अपने पति और उनके वरिष्ठों की एक्स्ट्रा आमदनी का निवेश तो करती ही हैं, ठेकेदार और ठेका कंपनियों को बीमा योजनाएं बेचकर अपने कारोबार को भी बढ़ाती हैं. अब यदि पति महत्वपूर्ण विभागों में रसूखदार ओहदों पर काम कर रहे हों तो इसके अपने फायदे हैं. आयकर विभाग के छापों के बाद आईएएस अधिकारी अरविंद जोशी और पीडब्ल्यूडी के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर दीपक असाई को उनकी पत्नियों के साथ दोषी पाया गया.
सूत्रों पर भरोसा करें तो इस सारे घालमेल के पीछे भी एक महिला का दिमाग ही काम कर रहा था. शुरू में बीमा एजेंट का काम करने वाली सीमा जायसवाल बाद में एक बीमा कंपनी में शाखा प्रबंधक बनी तो पीडब्ल्यूडी, मध्य प्रदेश सड़क निर्माण प्राधिकरण और जल संसाधन जैसे विभागों में अपनी ऊंची पहुंच का फायदा उठाते हुए सीमा ने नौकरशाहों की पत्नियों को भी एजेंट के रूप में काम करने के लिए राजी कर लिया. रोचक तथ्य तो यह है कि अब जब सरकार दोषी अधिकारियों के खिला़फ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है, तो ये पत्नियां चैन की बंसी बजा रही हैं. आखिर सरकार अपने अधिकारियों के खिला़फ ही तो कार्रवाई कर सकती है.

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