पुलिस के मुताबिक बालकृष्ण के अंगरक्षक ने हरिद्वार के कनखल थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनके सरकारी अंगरक्षक जयेंद्र सिंह ने पुलिस को सूचना दी कि बालकृष्ण ने बहाना बना कर सोमवार सुबह ही सरकारी सुरक्षा से किनारा कर लिया था। जयेंद्र के अनुसार आचार्य ने उसे दिव्य फार्मेसी स्थित अपने आवास से यह कहकर पतंजलि अपने कार्यालय भेज दिया कि वह कुछ देर बाद आएंगे, लेकिन उसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। तब रात को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। दो दिन पहले ही सीबीआई ने बालकृष्ण के खिलाफ फर्जी डिग्री के आधार पर पासपोर्ट हासिल करने के मामले में केस दर्ज किया है। अपुष्ट खबरों के मुताबिक सीबीआई ने सोमवार देर रात हरिद्वार में बालकृष्ण के कई ठिकानों पर छापेमारी भी की, लेकिन आचार्य का कोई पता नहीं चल सका। उनके नेपाल भागने की आशंका के चलते लखनऊ स्थित सीबीआई की टीम ने भी गोरखपुर और नेपाल सीमा से सटे कई इलाकों में डेरा डाल दिया है। सीबीआई ने आचार्य का पासपोर्ट जब्त किए जाने के लिए विदेश मंत्रालय से अनुरोध भी किया है। जांच एजेंसी का दावा है कि पासपोर्ट फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनवाया गया है। सीबीआई ने बालकृष्ण के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 120-बी के अलावा इंडियन पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। जांच एजेंसी ने बालकृष्ण के खिलाफ 'लुक आउट नोटिस' भी जारी किया है।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि चूंकि पासपोर्ट बालकृष्ण के ही पास है, इसलिए न सिर्फ इसे रद्द करने की मांग की गई है, बल्कि लुकआउट नोटिस भी जारी किया है ताकि वह देश छोड़कर भाग नहीं सकें। यह नोटिस सभी हवाईअड्डों, बंदरगाहों, प्रमुख बस डिपो और सीमा चौकियों (विशेष तौर पर भारत-नेपाल सीमा पर) को भेजा गया है। सूत्रों ने बताया कि बालकृष्ण की नागरिकता सुनिश्चित करने के बारे में भी जांच चल रही है ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि वह भारत का नागरिक है या नेपाल का। सीबीआई का कहना है कि बालकृष्ण ने पासपोर्ट के लिए वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की जो दो डिग्रियां दी थीं वो फर्जी हैं।
गिरफ्तारी की तैयारी!
बालकृष्ण के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने के बाद अब सीबीआई उन्हें समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में सीबीआई के अधिकारियों ने अपने पैनल के कानूनी जानकारों से राय-मशविरा भी किया। आईबी और ईडी की टीमों के भी सीबीआई अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किए जाने की खबर है। सीबीआई अधिकारियों ने शुरुआती तौर पर उन्हें समन भेजकर पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर बुलाने की रणनीति बनाई है। साथ ही इस बात की तैयारी भी की जा रही है कि यदि आचार्य पेश नहीं हुए तो उनकी गिरफ्तारी के लिए क्या किया जाए।
'राजनेताओं की साजिश'
सहयोगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से आहत रामदेव ने राजनेताओं पर छवि खराब करने की साजिश का आरोप लगाया है। रामदेव ने पत्रकारों से कहा, 'डिग्री देने की जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी की होती है। यदि बालकृष्ण की डिग्रियों में कोई खामी मिलती है तो वो इसके लिए कैसे जिम्मेदार हैं? उन्होंने कुछ भी गैरकानूनी या असंवैधानिक नहीं किया है।' योग गुरू ने कहा, 'राधाकृष्ण संस्कृत यूनिवर्सिटी, जहां से बालकृष्ण ने शिक्षा हासिल की है, वहां के आचार्य नरेश चंद द्विवेदी ने कहा है कि उनकी डिग्रियां सही हैं और उन्होंने इस संस्थान से पढ़ाई की है।'
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