बुधवार, 13 जुलाई 2011

 ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ा करने वाले नौकरशाह


चंडीगढ के पास मोहाली में अवैध ज़मीन अधिग्रहण के मामले की जांच कर रहे पंजाब पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने उच्च न्यायालय को पेश रिपोर्ट में यह खुलासा किया है कि मोहाली के डिप्टी कमिश्नर द्वारा पांच सौ एकड़ ज़मीन का हस्तांतरण अवैध है. डिप्टी कमिश्नर ने यह ज़मीन नेताओं और नौकरशाहों के नाम हस्तांतरित की थी. अदालत ने अब इस मामले की जांच का ज़िम्मा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक चंदर शेखर को सौंपा है. वह इन आरोपों की जांच करेंगे कि ग्राम पंचायत की पांच सौ एकड़ से भी ज़्यादा ज़मीन प्रभावशाली नेताओं और नौकरशाहों के हाथों में कैसे चली गई.
ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़े का ऐसा ही एक मामला गुजरात से भी प्रकाश में आया है. आरोप है कि सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (एसएसएनएनएल) की इस ज़मीन पर नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों ने क़ब्ज़ा कर लिया है. उन्होंने इस ज़मीन पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक रेजिडेंशियल कालोनी का निर्माण किया है. चार सौ एकड़ ज़मीन का यह टुकड़ा वनीकरण के लिए 15 सालों की लीज पर एसएसएनएनएल को 1993 में दिया गया था. मामले के प्रकाश में आने के बाद एसएसएनएनएल के संयुक्त प्रबंध निदेशक और आईएएस अधिकारी के श्रीनिवास के खिलाफ राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने संबंधी मामला दायर किया गया है. लेकिन हमारे देश की क़ानून व्यवस्था जिस तरह काम करती है, उसे देखकर इसकी संभावना कम ही है कि प्रभावशाली बाबुओं और नेताओं की इस जमात का बाल भी बांका होगा.

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