ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़े का ऐसा ही एक मामला गुजरात से भी प्रकाश में आया है. आरोप है कि सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (एसएसएनएनएल) की इस ज़मीन पर नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों ने क़ब्ज़ा कर लिया है. उन्होंने इस ज़मीन पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक रेजिडेंशियल कालोनी का निर्माण किया है. चार सौ एकड़ ज़मीन का यह टुकड़ा वनीकरण के लिए 15 सालों की लीज पर एसएसएनएनएल को 1993 में दिया गया था. मामले के प्रकाश में आने के बाद एसएसएनएनएल के संयुक्त प्रबंध निदेशक और आईएएस अधिकारी के श्रीनिवास के खिलाफ राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने संबंधी मामला दायर किया गया है. लेकिन हमारे देश की क़ानून व्यवस्था जिस तरह काम करती है, उसे देखकर इसकी संभावना कम ही है कि प्रभावशाली बाबुओं और नेताओं की इस जमात का बाल भी बांका होगा.
दिल्ली भले ही देश का दिल हो, मगर इसके दिल का किसी ने हाल नहीं लिया। पुलिस मुख्यालय, सचिवालय, टाउनहाल और संसद देखने वाले पत्रकारों की भीड़ प्रेस क्लब, नेताओं और नौकरशाहों के आगे पीछे होते हैं। पत्रकारिता से अलग दिल्ली का हाल या असली सूरत देखकर कोई भी कह सकता है कि आज भी दिल्ली उपेक्षित और बदहाल है। बदसूरत और खस्ताहाल दिल्ली कीं पोल खुलती रहती है, फिर भी हमारे नेताओं और नौकरशाहों को शर्म नहीं आती कि देश का दिल दिल्ली है।
बुधवार, 13 जुलाई 2011
ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ा करने वाले नौकरशाह
ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़े का ऐसा ही एक मामला गुजरात से भी प्रकाश में आया है. आरोप है कि सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (एसएसएनएनएल) की इस ज़मीन पर नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों ने क़ब्ज़ा कर लिया है. उन्होंने इस ज़मीन पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक रेजिडेंशियल कालोनी का निर्माण किया है. चार सौ एकड़ ज़मीन का यह टुकड़ा वनीकरण के लिए 15 सालों की लीज पर एसएसएनएनएल को 1993 में दिया गया था. मामले के प्रकाश में आने के बाद एसएसएनएनएल के संयुक्त प्रबंध निदेशक और आईएएस अधिकारी के श्रीनिवास के खिलाफ राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने संबंधी मामला दायर किया गया है. लेकिन हमारे देश की क़ानून व्यवस्था जिस तरह काम करती है, उसे देखकर इसकी संभावना कम ही है कि प्रभावशाली बाबुओं और नेताओं की इस जमात का बाल भी बांका होगा.
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